अपडेटेड 21 October 2025 at 17:08 IST
Chhath Puja 2025: ठेकुआ से रसिया तक... छठ महापर्व पर किस दिन कौन से पकवान से होती है छठी मईया की पूजा? जाने बनाने की विधि
Chhath Puja 2025: आस्था के महापर्व छठ पूजा की बात ही निराली है। चार दिनों के इस व्रत में हर दिन छठी मईया और सूर्यदेव को विशेष पकवानों का भोग लगाया जाता है, जो शुद्धता और सादगी का प्रतीक होते हैं। आइए इस लेख में छ महापर्व के दिन भोग बनाने के बारे में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Chhath Puja 2025: छठ पूजा केवल एक त्योहार ही नहीं, बल्कि ये आस्था, संस्कृति और समर्पिण का प्रतीक माना जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन व्रत में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इन चारों दिनों में छठी मैया और सूर्य देव को अलग-अलग पारंपरिक पकवानों का भोग लगाया जाता है।
आपको बता दें, कि छठ पूजा का आरंभ 25 अक्टूबर के दिन नहाय-खाय के साथ होने जा रहा है और इसका समापन मंगलवार को 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने और पारण करने के साथ होगा। अब ऐसे में किस दिन कौन सा पकवान किस तरह बनता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
पहला दिन- नहाय-खाय
छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इस दिन व्रती नदी में स्नान करती हैं और सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत का संकल्प लेती हैं।
मुख्य पकवान- लौकी-भात
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- इस दिन सेंधा नमक और घी में बना अरवा चावल और लौकी की सब्जी प्रसाद के रूप में खाई जाती है।
बनाने की विधि
- लौकी को छोटे टुकड़ों में काटकर, घी और सेंधा नमक में बिना लहसुन-प्याज के शुद्ध तरीके से बनाया जाता है। चावल भी सिर्फ घी और सेंधा नमक के साथ पकाए जाते हैं।
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दूसरा दिन - खरना
खरना छठ पूजा का दूसरा दिन है। इस दिन व्रती दिन भर निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को विशेष भोग तैयार करके सूर्य देव की पूजा के बाद उसे ग्रहण करती हैं, जिसे 'खरना' या 'लोहंडा' कहते हैं। इसके बाद से 36 घंटों का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।
मुख्य पकवान- रसिया (गुड़ की खीर) और पूड़ी/रोटी
- रसिया या गुड़ की खीर इस दिन का प्रमुख प्रसाद है। इसे गुड़ और अरवा चावल से बनाया जाता है।
बनाने की विधि -
- अरवा चावल को धोकर 1-2 घंटे भिगो दें।
- एक बर्तन में दूध गर्म करें। उबाल आने पर चावल डालें और धीमी आंच पर पकाएं।
- जब चावल पक जाएं तो बारीक तोड़ा हुआ गुड़ डालें। गुड़ डालने से पहले आंच बंद करने या दूध को ठंडा करने से दूध फटने का डर कम हो जाता है, फिर अच्छे से मिक्स करके दोबारा गर्म करें।
- गुड़ घुलने तक पकाएं। इसमें सूखे मेवे काजू, किशमिश और इलायची पाउडर नहीं डाला जाता, लेकिन कई जगहों पर शुद्धता बनाए रखते हुए डाला जाता है। इसे मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बनाना पारंपरिक माना जाता है।
तीसरा दिन - संध्या अर्घ्य
यह छठ का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है, जब डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन ठेकुआ सहित कई तरह के पारंपरिक पकवानों से सूप यानी कि बांस का बर्तन सजाकर छठी मैया को अर्पित किया जाता है।
मुख्य पकवान-ठेकुआ
ठेकुआ बनाने की विधि -
- गेहूं के आटे में गुड़/चीनी का पिघला हुआ घोल या चाशनी, मोयन के लिए घी, सौंफ और कद्दूकस किया हुआ नारियल डालकर सख्त आटा गूंथ लें।
- आटे की लोई बनाकर सांचे की मदद से डिजाइन बनाएं या कांटे/छलनी से डिजाइन बनाकर हथेली से दबा दें।
- मध्यम गर्म घी या तेल में धीमी आंच पर सुनहरा भूरा होने तक तल लें। यह अंदर तक खस्ता होना चाहिए।
चौथा दिन- ऊषाकाल अर्घ्य
यह व्रत का अंतिम दिन होता है, जब उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रती पारण करके व्रत खोलती हैं। प्रसाद में ठेकुआ, फल और अन्य पकवानों को सभी लोगों को बांटती हैं।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 21 October 2025 at 17:08 IST