अपडेटेड 7 November 2024 at 07:58 IST

Chhath Puja 2024: दिल्ली से UP-बिहार तक, जानिए सूर्यास्त और सूर्योदय का समय

Chhath Puja 2024 Suryast Time: आइए जानते हैं कि आज किस शहर में कितने बजे सूर्योदय और सूर्यास्त होगा।

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Chhath Puja
छठ पूजा में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय | Image: freepik

Chhath Puja 2024 Suryast Time: आज चार दिवसीय छठ पूजा (Chhath Puja 3rd Day) का तीसरा दिन है। इस महापर्व में छठी मैया (Chhathi Maiya) के साथ-साथ सूर्यदेव (Surya Dev) की पूजा भी की जाती है। जिस कारण इस उत्सव में सूर्योदय और सूर्यास्त का बेहद खास महत्व है। छठ पूजा में तीसरे दिन जहां डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिए जाने का विधान है, वहीं चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।

माना जाता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने से साधक को सुख, समृद्धि और प्रगति की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि छठ पूजा के तीसरे दिन यानी गुरुवार, 7 नवंबर को देश के किस राज्य में सूर्योदय (Sunrise) और सूर्यास्त (sunset) किस समय पर होगा।

विभिन्न राज्यों में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय (Sunrise and sunset timings in different states)

बिहार

  • सूर्योदय का समय: 06:02 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 05:05 बजे

उत्तर प्रदेश

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  • सूर्योदय का समय: 05:20 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 05:26 बजे

दिल्ली

  • सूर्योदय का समय: 0638 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 05:32 बजे

पंजाब

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  • सूर्योदय का समय: 06:43 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 05:30 बजे

पश्चिम बंगाल

  • सूर्योदय का समय: 05:50 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 05:01 बजे

झारखंड

  • सूर्योदय का समय: 05:58 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 05:07 बजे

मध्य प्रदेश

  • सूर्योदय का समय: 06:29 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 05:39 बजे

राजस्थान

  • सूर्योदय का समय: 06:41 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 05:40 बजे

गुजरात

  • सूर्योदय का समय: 06:58 बजे
  • सूर्यास्त का समय: 06:08 बजे

सूर्य देव को अर्घ्य देने की पूजा विधि (Surya ko arghay dene ki Puja Vidhi)

  • छठ पूजा के तीसरे दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी या तलाब में स्नान करें।
  • अगर आप घर में ही स्नान कर रहे हैं तो पानी में गंगाजल डालकर नहाएं।
  • इसके बाद पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके एक चौकी स्थापित करें।
  • चौकी पर सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित लगाएं।
  • फिर घी का दीपक जलाएं और फल, फूल, गन्ना, ठेकुआ, और अन्य प्रसाद सामग्री को सूर्य देव को अर्पित करें।
  • थाली को हाथ में लेकर डूबते हुए सूर्य की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं।
  • मंत्रों का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद प्रणाम करें और उनसे परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 7 November 2024 at 07:58 IST