अपडेटेड 8 April 2024 at 18:13 IST
Chaitra Navrtari: घटस्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान; कलश में डालें ये चीजें, ऐसे करें स्थापना
चैत्र माह की नवरात्रि कल से शुरू हो रही है। इसके पहले दिन घटस्थापना की जाती है, लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि यह कैसे होता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
- 3 min read

Ghatasthapana Vidhi Kya Hai: हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक और मांगलिक कार्य करने से पहले कलश स्थापना का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं जब बात नवरात्रि की हो तो बिना कलश के यह पूजा पूरी ही नहीं होती है। इन दिनों में देवी शक्ति (Devi Shakti) के नौ रूपों की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और इसकी शुरुआत प्रतिपदा तिथि से घटस्थापना के साथ होती है।
मान्यता है कि जिस घर में भी नवरात्रि (Navratri 2024) के दिनों में घटस्थापना की जाती है वहां नौ दिनों तक माता रानी का वास रहता है और हमेशा उस घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में अगर आप भी कलश (Kalash) रखने जा रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे की घट यानी कलश में क्या डालें और इसकी स्थापना किस विधि से करें। आइए इसके बारे में सबकुछ जानते हैं।
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) घटस्थापना शुभ मुहूर्त क्या है? (Ghatasthapana Shubh Muhurat)
पहला- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह- 4 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक
दूसरा- अभिजीत मुहूर्त- सुबह- 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
तीसरा- विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से दोपहर 3 बजकर 21 तक
चौथा- गोधूलि मुहूर्त- शाम 6 बजकर 42 मिनट से शाम 7 बजकर 5 मिनट तक
पंचांग के मुताबिक कलश स्थापना (Ghatasthapana) के लिए सबसे अच्छा अभिजीत मुहूर्त माना जाता है। ऐसे में कोशिश करें कि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक आप घटस्थापना कर लें, क्योंकि इस मुहूर्त में कलश स्थापना करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है।
Advertisement
घटस्थापना से पहले कलश में डाले ये चीजें (Kalash Me Kya Daale)
घटस्थापना के लिए एक कलश, गंगाजल, मौली, रोली, अक्षत, सिक्का, गेहूं या अक्षत, आम के पत्ते का पल्लव, मिट्टी का बर्तन, शुद्ध मिट्टी, मिट्टी पर रखने के लिए एक साफ कपड़ा, कलावा, गेहूं या जौ, पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रूई बत्ती, सिंदूर, लाल वस्त्र, जटा वाला नारियल लें।
कैसे करें घटस्थापना? (Kaise Kare Ghatasthapana)
- घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है नहीं तो माता रानी क्रोधित हो जाती हैं।
- ध्यान रखें कि उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में ही हमेश कलश की स्थापना करें।
- अब जहां घटस्थापना करनी हो उस जगह की अच्छे से साफ-सफाई कर लें और फिर गंगाजल छिड़कर उस जगह को पवित्र कर लें।
- फिर पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उसपर अक्षत से अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें।
- अब इसके बाद कलश में पानी, गंगाजल, सिक्का, रोली, हल्दी गांठ, दुर्वा, सुपारी डालें।
- इसके बाद कलश में 5 आम के पत्ते रखकर उसे ढक दें और ऊपर से नारियल रख दें।
- इसके बाद अब आखिरी में एक मिट्टी के बर्तन में साफ मिट्टी रखें और उसमें कुछ जौ के दानें बो दें और ऊपर से पानी का छिड़काव करें। फिर इसे चौकी पर स्थापित कर दें।
- फिर दीप जलाकर गणपति बप्पा, माता जी और नवग्रहों का आव्हान करें। फिर विधिवत देवी का पूजन करें।
यह भी पढ़ें… कल से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, नौ दिन चाहिए माता रानी की कृपा; इस मुहूर्त में करें घटस्थापना
Advertisement
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 8 April 2024 at 17:48 IST