अपडेटेड 6 April 2025 at 07:06 IST

Ram Navami 2025: चैत्र नवरात्रि की राम नवमी आज, जानिए कन्या पूजन का समय, विधि और मंत्र

Ram Navami 2025 Date: आज राम नवमी के दिन आप इस शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं।

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राम नवमी 2025 | Image: Freepik

Chaitra Navratri 2025 Ram Navami Muhurat: इस साल रविवार, 30 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत हुई थी। जिसका समापन आज यानी 6 अप्रैल 2025 राम नवमी के दिन होने जा रहा है। चैत्र नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा (Maa Durga) की कृपा पाने के लिए भक्त नौ दिनों तक उपवास भी करते हैं।

रविवार को नवमी तिथि के दिन महानवमी (Maha Navami) मनाई जा रही है, जिसे राम नवमी (Ram Navami)  भी कहा जाता है।  इस दिन कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन करने के बाद ही नवरात्रि उत्सव को पूर्ण माना जाता है। ऐसे में अगर आप भी राम नवमी के दिन कन्या पूजन करने वाले हैं तो आपको कन्या पूजन करने का शुभ मुहूर्त और विधि नोट कर लेनी चाहिए।

राम नवमी 2025 तिथि (Ram Navami 2025 Date)

पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत शनिवार, 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगी, जिसका समापन रविवार, 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार रविवार, 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी मनाई जा रही है। आइए जानते हैं कि इस दिन कन्या पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त (Navami 2024 Kanya Pujan Muhurat)

रविवार, 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के दिन पूजा और कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर के 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। आप इस अवधि में कन्या पूजन कर सकते हैं।

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चैत्र नवरात्रि 2025 कन्या पूजन विधि (Chaitra Navratri 2025 Kanya Puja Vidhi)

  • नवमी तिथि के दिन सबसे पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद स्नान आदि संपन्न कर कन्या  पूजन के लिए खाना बनाएं।
  • अब आप कन्याओं को अपने घर पर पूजन के लिए सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें। ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 साल से 10 साल के बीच होनी चाहिए।
  • अब जैसे ही कन्याएं आपके घर पधारती हैं तो फूल और माला पहनाकर उनका स्वागत करें। इसके बाद साफ पानी से उनके पैर धोएं।
  • अब कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बैठाएं और फिर हाथों में कलाव और माथे पर तिलक लगाएं। कन्याओं के सिर पर लाल रंग की एक चुनरी रखें।
  • अब कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल, फल इत्यादि चीजों को एक थाली में सजाकर उन्हें परोसें।
  • इसके बाद कन्याओं से भोजन ग्रहण करने का आग्रह करें। जब कन्याएं भोजन कर लें तो उन्हें उपहार में किसी तरह की वस्तु या अपनी श्रद्धानुसार दक्षिणा आदि दें।
  • कन्याओं की विदाई करते समय उनके पैर छूकर उन्हें फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें।

दुर्गा स्तुति मंत्र (Durga Stuti Mantra)

"या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थिता।।
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।"

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 6 April 2025 at 07:06 IST