अपडेटेड 15 April 2024 at 09:18 IST
Chaitra Navratri: अष्टमी या नवमी पर कैसे करें कन्या पूजन? जानिए कितनी होनी चाहिए कंजकों की संख्या
Chaitra Navaratri 2024 Kanya Pujan Vidhi: चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि के दिन इस विधि के साथ कन्या पूजन करना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Kanya Pujan 2024 Vidhi: इस साल मंगलवार, 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है, जिसमें भक्त मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नौ दिनों तक उपवास भी करते हैं।
कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करता है तो उस पर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना किए जाने का विधान है और इसके आठवें व नौवें दिन कन्या पूजन कर नवरात्रि उत्सव को सम्पन्न किया जाता है। नवरात्रि में आने वाली अष्टमी तिथि को महाष्टमी और नवमी को राम नवमी भी कहा जाता है।
कुछ लोग अष्टमी यानी आठवें दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्रि का समापन करते हैं, वहीं कुछ लोग नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं। चैत्र नवरात्रि में अष्टमी 16 अप्रैल और नवमी 17 अप्रैल को मनाई जाएगी। माना जाता है कि अगर आप नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत रखकर कन्या पूजन विधि को सही से नहीं करते हैं तो आपको उपवास का पूरा फल नहीं मिलता है। इसलिए आपको अष्टमी और नवमी पर किए जाने वाले कन्या पूजन की सही विधि जान लेनी चाहिए।
चैत्र नवरात्रि 2024 कन्या पूजन विधि (Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan Vidhi)
- अष्टमी या नवमी के दिन सबसे पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें।
- इसके बाद स्नान आदि संपन्न कर कन्या पूजन के लिए खाना बनाएं।
- अब आप कन्याओं को अपने घर पर पूजन के लिए सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें।
- ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 साल से 10 साल के बीच होनी चाहिए।
- अब जैसे ही कन्याएं आपके घर पधारती हैं तो फूल और माला पहनाकर उनका स्वागत करें।
- इसके बाद साफ पानी से उनके पैर धोएं।
- अब कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बैठाएं और फिर हाथों में कलाव और माथे पर तिलक लगाएं।
- कन्याओं के सिर पर लाल रंग की एक चुनरी रखें।
- अब कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल, फल इत्यादि चीजों को एक थाली में सजाकर उन्हें परोसें।
- इसके बाद कन्याओं से भोजन ग्रहण करने का आग्रह करें।
- जब कन्याएं भोजन कर लें तो उन्हें उपहाल में किसी तरह की वस्तु या अपनी श्रद्धानुसार दक्षिणा आदि दें।
- कन्याओं की विदाई करते समय उनके पैर छूकर उन्हें फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें।
कंजक पूजन के लिए कितनी होनी चाहिए कन्याओं की संख्या?
अष्टमी या नवमी के मौके पर कन्या पूजन करने के लिए आपको कम से कम 9 कन्याओं को जरूर आमंत्रित करना है। दुर्गा मां के नौ स्वरूपों के आधार पर ही नौ कन्याओं को पूजा जाना जरूरी होता है। तभी आपको नवरात्रि में पूजा और उपवास का पूरा फल मिलेगा।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 15 April 2024 at 08:41 IST