अपडेटेड 15 April 2024 at 16:40 IST

Kanya Pujan Niyam: आप भी करने जा रहे हैं कन्या पूजन? तो जान लें नियम, भूल से भी न करें ये गलतियां

नवरात्रि के नौ दिनों की पूजा के बाद कन्या पूजन का विधान है, लेकिन अगर इस दौरान आप कुछ गलतियां कर देते हैं, तो आपके नौ दिनों के व्रत का फल समाप्त हो जाता है।

kanya pujan niyam
कन्या पूजन के नियम | Image: Facebook

Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan Niyam: नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ शुरू होता है, जो अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ समाप्त होता है। नौ दिनों तक मां भगवती के सभी नौ रूपों की विधिवत पूजा अर्चना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद छोटी बच्चियों को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा करते हैं और उन्हें भोजन करवा के कुछ उपहार देते हैं।

ऐसे में अगर आप भी कन्या पूजन करने जा रहे हैं, तो आपको इसके नियम के बारे में मालूम होना चाहिए, क्योंकि कंचिका खिलाने के दौरान की गई कुछ गलतियां आपके पूरे नौ दिनों के पुण्य और आशीर्वाद को समाप्त कर सकती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कन्या पूजन का नियम क्या है और इस दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

कब है कन्या पूजन?

चैत्र नवरात्रि 2024 (Chaitra Navratri 2024) की शुरुआत 9 अप्रैल दिन मंगलवार से हुई थी और इसका समापन 17 अप्रैल नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ होगा। हालांकि कुछ लोग अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करते हैं, तो कुछ नवमी तिथि पर ऐसे में दोनों तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त (Kanya Pujan Shubh Muhurat) जानते हैं।

पंचांग के मुताबिक 16 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को महाअष्टमी मनाई जाएगी। ऐसे में जो लोग अष्टमी तिथि में कन्या पूजन करते हैं वह 16 अप्रैल को कर सकते हैं। वहीं जो लोग नवमी तिथि में कन्या पूजन करते हैं वह 17 अप्रैल को कर सकते हैं। यह नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। वहीं चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को रामनवमी के नाम से भी जाना जाता है।

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कन्या पूजन के नियम क्या है?

  • अगर आप कन्या पूजन करवाते हैं, तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए नहीं तो आपके नौं दिनों के पुण्य नष्ट हो सकते हैं।
  • कन्या पूजन के लिए बच्चियों की उम्र का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए 2 से 10 साल की ही कन्याओं को पूजा में शामिल करना सही बताया गया है। 
  • कन्या पूजन में इनकी संख्या का भी ध्यान रखना जरूरी है। पूजा मे हिस्सा लेने वाले कन्याओं की संख्या 9 ही होनी चाहिए।
  • कन्या पूजन वाले दिन नहीं बल्कि एक दिन पहले ही सभी कन्याओं को बुलावा दे दें। शास्त्रों में भी बताया गया है कि कन्या पूजा से एक दिन पहले सभी कन्याओं के घर जाकर उन्हें निमंत्रण देना चाहिए। 
  • कन्या पूजन में एक बटुक जिसे लांगुर के नाम से भी जाना जाता है जरूर बुलाना चाहिए। यानी कि एक लड़का बटुक के रूप में कन्याओं के साथ होना चाहिए।
  • कन्या पूजन शुरू करने से पहले सभी कन्याओं और बटुक को घर की पूर्व दिशा में बैठाएं। 
  • कन्याओं को भोजन करवाने के बाद कुछ दक्षिणा दें, लेकिन पैसे देनें से बचें आप कन्याओं और बटुक को कोई चीज उपहार में दे सकते हैं। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 15 April 2024 at 16:20 IST