अपडेटेड 13 April 2024 at 09:37 IST

Chaitra Navratri 2024 Day 5: पांचवें दिन इस मुहूर्त में करें मां स्कंदमाता की पूजा, मिलेगा मनचाहा फल

Maa Skandmata Puja: चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा किए जाने का विधान है।

Follow : Google News Icon  
devi durga
मां स्कंदमाता | Image: Freepik

Chaitra Navratri 2024 Day 5: मंगलवार, 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा। चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के रूप मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini), तीसरे दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) और चौथे दिन मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा की गई थी जिसके बाद आज यानी शनिवार को नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता (Maa Skandmata) की पूजा किए जाने का विधान है।

कहते हैं कि मां स्कंदमाता अपने भक्तों के सभी दुख दूर कर उनके जीवन में खुशहाली भर देती हैं। इतना ही नहीं स्कंदमाता व्यक्ति की बुद्धि और विवेक में भी वृद्धि करती हैं। वहीं, जो व्यक्ति श्रद्धाभाव और पूरे विधि-विधान से मां स्कंदमाता की उपासना करता है उसे देवी मनचाहा फल देती हैं।

ऐसे में अगर आप मां स्कंदमाता को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको आज के दिन शुभ मुहूर्त में उनकी पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि आप किस समय माता स्कंदमाता की पूजा कर सकते हैं और साथ ही जानते हैं कि मां को प्रसन्न करने के लिए आपको किस पूजा विधि का इस्तेमाल करना चाहिए।

मां स्कंदमाता की पूजा का मुहूर्त (Maa Skandmata Puja Muhurat)

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है।  13 अप्रैल को नवरात्रि का पांचवा दिन है। ऐसे में पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 12 अप्रैल 2024 को शाम 04 बजकर 50 मिनट से शुरू हो चुकी है, जिसका समापन 13 अप्रैल 2024 को 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में आप 13 अप्रैल को सुबह 9 बजे से पहले स्कंदमाता की पूजा कर सकते हैं। यह स्कंदमाता की पूजा के लिए शुभ समय होगा।

Advertisement

मां स्कंदमाता पूजा विधि (Maa Skandmata Puja Vidhi)

  • नवरात्रि के पांचवें दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि सम्पन्न करें।
  • इसके बाद लाल या पीले रंग के स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • अब मंदिर में मां स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर लगाकर उनकी पूजा आरंभ करें।
  • मां स्कंदमाता को लाल चंदन, फूल, फल, सफेद और लाल फूल आदि अर्पित करें।
  • माता को लाल या पीले रंग की चुनरी अर्पित करें।
  • मां के आगे घी का दीपक जलकर पूजा मंत्र पढ़ें और उन्हें केले या किसी मिठाई का भोग लगाएं।
  • इसके बाद मां स्कंदमाता की कथा पढ़ें और आरती करें।
  • आखिर में मां स्कंदमाता से प्रार्थना करें और भूल-चूक की क्षमा याचना करें।

मां स्कंदमाता का प्रिय भोग (Maa Skandmata Bhog)

पांचवें दिन पूजा के समय मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना अति शुभ माना जाता है। इसलिए माता को इसका भोग अवश्य लगाएं। इससे मां प्रसन्न होकर व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी करती हैं। केले के अलावा आप मीठी चीजों का भोग भी स्कंदमाता को लगा सकते हैं। 

ये भी पढ़ें: Aaj Ka Rashifal: मेष से मीन तक, कैसा रहेगा आज आपका दिन? जानिए राशिफल

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 13 April 2024 at 07:19 IST