अपडेटेड 23 May 2024 at 11:51 IST
Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा आज, इस मुहूर्त में करें विष्णुजी की पूजा; बनी रहेगी सुख-समृद्धि
Buddha Purnima 2024: आज बुद्ध पूर्णिमा के दिन आप इस शुभ मुहूर्त में स्नान-दान करने के साथ-साथ विष्णु जी की पूजा कर सकते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Buddha Purnima 2024 Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बेहद खास महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा किए जाने का विधान है। कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से पूर्णिमा तिथि के दिन विष्णुजी और लक्ष्मी जी की पूजा करता है तो उसके घर-परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
वहीं, आज यानी गुरुवार, 23 मई 2024 को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का भी विधान है। इस दिन भक्त विष्णुजी का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी करते हैं। ऐसे में अगर आप भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको इस शुभ मुहूर्त में उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
बुद्ध पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त (Buddha Purnima 2024 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत बुधवार, 22 मई को शाम 06 बजकर 47 मिनट से हो चुकी है और इसका समापन आज यानी 23 मई को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व होता है इसलिए बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को मनाई जा रही है। इस दिन स्नान दान का समय सुबह 4 बजकर 04 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा विष्णुजी और मां लक्ष्मी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि (Buddha Purnima Puja Vidhi)
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर देवी-देवता का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- अब पूजा के लिए मंदिर की साफ सफाई करें।
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
- अब विष्णुजी चंदन और मां लक्ष्मी को चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं।
- माँ लक्ष्मी और विष्णु जी को लाल रंग के फूल, फल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
- इसके बाद देवी-देवता के समीप घी का दीपक जलाएं।
- भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आरती करें।
- अब घर में बनी दूध और चावल की खीर का भोग लगाएं।
- अंत में भगवान से क्षमा प्रार्थना कर खीर को प्रसाद के रूप में घर के सभी सदस्यों में वितरित करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 23 May 2024 at 06:49 IST