अपडेटेड 17 May 2024 at 16:58 IST
ब्रह्म कमल वो फूल जो सालों बाद खिलता है, लेकिन देखते ही बदल जाती है किस्मत; होता है भगवान का वास
Uttarakhand का राजकीय फूल ब्रह्म कमल 12 साल में एक बार खिलता है, लेकिन धार्मिक मान्यता के मुताबिक इसे देखने मात्र से ही व्यक्ति की किस्मत बदल जाती है।
- धर्म और अध्यात्म
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Brahma Kamal Flower: हिंदू धर्म में कोई भी पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य हो उसमें फूलों का होना बेहद जरूरी होता है। कहते हैं कि बिना फूलों के कोई भी शुभ काम पूरा नहीं माना जाता है। वहीं इन फूलों में एक कमल भी है जो बहुत ही महत्व रखता है। वहीं कमल भी कई तरह के होते हैं, लेकिन उनमें सबसे ज्यादा चमत्कारी ब्रह्म कमल के फूल को माना जाता है, क्योंकि यह बहुत ही दुर्लभ होता है।
ब्रह्म कमल को उत्तराखंड का राजकीय फूल कहा जाता है। यह हिमालयी क्षेत्र में पाया जाने वाला पौधा है। यह 3000 से 4800 मीटर की ऊंचाई पर रात के समय में खिलने वाला फूल है। सुबह होते ही इसका फूल बंद हो जाता है। इसकी खास बात यह है कि यह 12 साल में एक बार खिलता है वह भी सिर्फ महज 5 घंटो के लिए। ऐसी मान्यता है कि जहां ब्रह्म कमल का फूल खिलता है वह जगह बहुत ही पवित्र और शुभ होती है। वहीं इसे देखने मात्र से व्यक्ति की किस्मत बदल जाती है।
खिलने पर कैसा दिखता है ब्रह्म कमल का फूल
12 साल में एक बार वो भी आधी रात को खिलने वाला यह दुर्भल फूल जब पूरा खिल जाता है तब उसके अंदर में ब्रम्हा जी का आसन और चारो तरफ पराग दिखते हैं। जब यह फूल खिलता है तो उसमें से चंदन की तरह महक आती रहती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति ब्रह्म कमल को खिलते हुए देख लेता है, उसके सौभाग्य में वृद्धि होती है और अगर यह किसी के घर में खिलता है तो वहां हमेशा माता लक्ष्मी का वास बना रहता है।
ब्रह्म कमल में इन भगवानों का होता है वास
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ब्रह्म कमल में मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी का साक्षात वास होता है। ऐसे में जब भी यह फूल खिले तब धूप अगरबत्ती दीपक और श्रीफल चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए और ऐसी मान्यता है कि खिलते हुए ब्रह्म कमल के सामने शांत मन से बैठकर जो भी मन्नत मांगा जाता है वो पूरी होती है। वहीं अगर कोई ब्रह्म कमल को अपने घर में लगाता है तो इससे उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 17 May 2024 at 16:58 IST