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Published 08:13 IST, October 15th 2024

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर आज इस मुहूर्त में करें भोलेनाथ की पूजा, जानिए सही पूजा विधि

Bhaum Pradosh Vrat 2024 Muhurat: अगर आपने भी आज प्रदोष व्रत रखा है तो आपको इस मुहूर्त में महादेव की उपासना करनी चाहिए।

Pradosh Vrat
प्रदोष व्रत 2024 | Image: Shutterstock

Bhaum Pradosh Vrat 2024 Muhurat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। हर महीने दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं, जिनमें एक प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं आज यानी मंगलवार, 15 अक्टूबर प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है।

मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन और विधि-विधान से प्रदोष व्रत के साथ-साथ भगवान शिव की उपासना और पूजा करता है उससे प्रभु प्रसन्न होकर अपना सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस व्रत को करने से महादेव अपने भक्त के जीवन की सभी दुख, परेशानी और समस्याओं का निवारण कर उस पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

भौम प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरूआत मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर होगी, जिसका समापन अगले दिन यानी बुधवार, 16 अक्टूबर को 12 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के चलते भौम प्रदोष व्रत 15 अक्टूबर यानी आज के दिन रखा जा रहा है।

अब अगर बात करें पूजा के शुभ मुहूर्त की तो इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 45 मिनट से 8 बजे तक रहेगा। ये समय भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे शुभ रहेगा। इस दौरान भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होने की संभावना है।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi)

  • शाम के समय पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • फिर भगवान शिव और माता पार्वती समेत उनके पूरे परिवार और अन्य देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें।
  • इसके बाद संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं।
  • अब शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
  • इस दौरान शिवजी को चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, दूध, गंगाजल इत्यादि अर्पित करें।
  • भगवान को साबूदाने की खीर का भोग लगाएं।
  • पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
  • इसके बाद घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें।
  • आखिर में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद भगवान से क्षमा आदि मांगकर जो भी विनती आपको करनी है वह करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 08:13 IST, October 15th 2024