अपडेटेड 21 October 2025 at 18:24 IST

Bhai Dooj 2025 Katha: भाई दूज के दिन इस एक कथा के बिना अधूरा है तिलक, जानें क्या है यमुना और यमराज से जुड़ी ये कहानी

भाई-बहन के इस खूबसूरत दिन पर बहने प्रेम के साथ भाई के लिए खाना बनाती हैं तथा तिलक लगाकर उनका सम्मान करती हैं।

bhai dooj 2025 katha know story of Yamuna and yamraj to which we celebrate this day for brother and sister
bhai dooj 2025 katha know story of Yamuna and yamraj to which we celebrate this day for brother and sister | Image: Shutterstock

भाई-बहन का रिश्ता सबसे प्यारा और स्नेह से भरा होता है। इसी पवित्र रिश्ते को मनाने के लिए दीपावली के दो दिन बाद भाई दूज का त्योहार आता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस त्योहार के पीछे एक सुंदर और भावनात्मक कथा जुड़ी हुई है जिसे यमराज और यमुना की कहानी भी कहा जाता है।

भाई दूज की कथा: यमराज और यमुना की कहानी

बहुत समय पहले, सूर्यदेव के दो संतान थे, जिनका नाम यमराज और यमुना था। दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन यमराज अपने कार्यों में इतने व्यस्त रहते थे कि बहन यमुना से मिलने का समय नहीं निकाल पाते थे।

यमुना अपने भाई को बार-बार बुलातीं, लेकिन यमराज मृत्यु के देवता होने के कारण कभी आ नहीं पाते थे। एक दिन यमुना ने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह अपने भाई को भोजन के लिए घर बुलाएगी।

अंततः एक दिन यमराज अपनी बहन के आग्रह पर उसके घर पहुंचे। यमुना ने बड़े प्यार से उनका स्वागत किया, उनके पैर धोए, तिलक लगाया, और स्वादिष्ट भोजन कराया।

Advertisement

यमराज अपनी बहन के स्नेह से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा -

“बहन, आज तुमने मुझे इतना सम्मान और प्रेम दिया है, मैं बहुत खुश हूं। वर मांगो, मैं तुम्हारी इच्छा पूरी करूंगा।”

Advertisement
Uploaded image

तब यमुना ने कहा -

“भैया, मेरी यही इच्छा है कि आज के दिन जो भी बहन अपने भाई को सच्चे मन से तिलक लगाए और उसके लिए मंगलकामना करे, उसके भाई की उम्र लंबी हो और उसे यमलोक का भय कभी न हो।”

यमराज ने ‘तथास्तु’ कहा और आशीर्वाद दिया कि जो बहनें इस दिन अपने भाई को तिलक करेंगी, उनके भाई को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा।

तभी से यह दिन ‘भाई दूज’ या ‘यम द्वितीया’ के रूप में मनाया जाने लगा।

क्या है भाई दूज का महत्व?

इस दिन बहनें भाइयों की आरती उतारती हैं, तिलक लगाती हैं और उन्हें मिठाई खिलाकर दीर्घायु की कामना करती हैं। भाई भी बहन को उपहार देते हैं और हमेशा उसके सुख की रक्षा करने का वचन देते हैं।

भाई दूज केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के अटूट प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है।

यह भी पढ़ें:  Bhai Dooj 2025: 22 या 23 अक्टूबर....कब है भाई दूज? जानें तिलक करने की सही तिथि, समय और महत्व

भाई दूज की यह कथा हमें यह सिखाती है कि रिश्तों में दूरी चाहे कितनी भी हो, स्नेह और प्रेम कभी कम नहीं होता है। जिस तरह यमराज अपनी बहन यमुना के स्नेह से पिघल गए, उसी तरह यह त्योहार हर भाई को अपनी बहन के प्रति प्यार और सम्मान की याद दिलाता है।
 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Samridhi Breja

पब्लिश्ड 21 October 2025 at 18:24 IST