अपडेटेड 22 October 2025 at 23:28 IST
Bhai Dooj Mantras: भाई दूज के दिन जरूर करें इन मंत्रों का जाप, भाई की चमक जाएगी किस्मत
Bhai Dooj Mantras: हिंदू धर्म में भाई दूज को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनकी सुख-समृद्धि के लिए कामना करती हैं। अब ऐसे में इस दिन कुछ ऐसे मंत्र हैं, जिनका जाप करने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Bhai Dooj Mantras: हिंदू पंचांग के हिसाब से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन मनाने की परंपरा है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र और अटूट रिश्ते का प्रतीक है। ये त्योहार दिवाली के दो दिन बाद मनाई जाती है। इसे यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य, और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे और उन्हें वरदान दिया था।
इस पावन अवसर पर तिलक और आरती की विधि जितनी महत्वपूर्ण है, उतना ही जरूरी है कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना। माना जाता है कि इन मंत्रों के उच्चारण से भाई पर आने वाली हर विपदा टल जाती है और उसकी किस्मत के द्वार खुल जाते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि तिलक लगाने के दौरान किन मंत्रों का जाप करना सबसे शुभ माना जाता है।
यमराज और यमुना का मुख्य मंत्र
यह भाई दूज का सबसे प्रचलित और महत्वपूर्ण मंत्र है, जो भाई की दीर्घायु का वरदान प्राप्ति का है। यह मंत्र भाई-बहन के प्रेम को गंगा-यमुना की पवित्रता से जोड़ता है और भाई की उन्नति की कामना करता है।
- ‘गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें। ’
तिलक लगाने के दौरान मंत्र जाप
तिलक लगाते समय इस सरल मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है, जो भाई के जीवन में शांति और कल्याण लाता है।
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- ऊं यमाय नम:
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भाई दूज की उन्नति के लिए मंत्र जाप
भाई की उन्नति और सुख-शांति के लिए इस वैदिक मंत्र का जाप करें।
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- ‘ॐ स्वस्ति भद्राणि शुभानि, पूर्णं भवतु ते आयुष्मान्। दीर्घायुः।’
भाई को भोजन कराने के दौरान मंत्र जाप
जब बहन भाई को भोजन कराती हैं, तब इस मंत्र का उच्चारण करना भाई को यमराज के भय से मुक्ति दिलाता है।
- ‘भ्रातस्तवानुजाताहं भुंक्ष्व भक्तमिमं शुभं। प्रीतये यमराजस्य यमुनाया विशेषत:।।’
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 22 October 2025 at 23:28 IST