अपडेटेड 20 August 2025 at 20:13 IST
Bhadrapada Purnima 2025: कब है भाद्रपद पूर्णिमा? जानिए तारीख और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के उपाय
पूर्णिमा के दिन भगवान नारायण के साथ पितरों को भी पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ पितरों को याद करके उनकी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। पितृगण खुस होेते हैं और हमें हमेशा सुखी रहने का आशीर्वाद देते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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इस महीने पूर्णिमा 7 सितंबर को मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत रखा जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का भी बहुंत खास महत्व है। आइए आपको बताते हैं कि भाद्रपद मास पूर्णिमा की तिथि कब है और इसका व्रत कब रखा जाएगा।
भाद्रपद पूर्णिमा कब है?
भाद्रपद महीने की पूर्णिमा की शुरुआत 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर होगी। वहीं, तिथि का समापन 07 सितंबर को 11 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में 07 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी।। पंचांग के अनुसार, जो भी लोग सत्यनारायण कथा, लक्ष्मी पूजन और चंद्रमा की पूजा करते हैं वह 7 सितंबर को व्रत रखें। वहीं पूर्णिमा का स्नान दान 7 सितंबर को उदयातिथि पर करना होगा। भाद्रपद महीने की पूर्णिमा पर सत्य नारायण भगवान की कथा करवाने से आपको पुण्य की प्राप्ति होती है और इसके साथ ही घर में धन के साथ सुख समृद्धि आती है।
पितृ पक्ष का आरंभ कब
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भाद्रपद महीने की पूर्णिमा यानी कि 7 सितंबर से पितृ पक्ष का आरंभ माना जाएगा और इसकी समाप्ति सर्व पितृ अमावस्या यानी 7 सितंबर 2025 को होगी। पूर्णिमा के व्रत करके रात में महालक्ष्मी की पूजा करने सभी आर्थिक संकट दूर होते हैं और जीवन में संपन्नता बढ़ती है। उस दिन चंद्रोदय शाम को 6 बजकर 3 मिनट पर होगा। इस दिन जो भी लोग व्रत रखें, वे चंद्रमा की पूजा शाम को 6 बजकर 3 बजे के बाद करें।
भाद्रपद पूर्णिमा पर क्या करें
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भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और इसके चारों ओर परिक्रमा करें ताकि आपके घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहे। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन अपने पितरों के नाम लेकर दान पुण्य भी करना चाहिए। इससे आपके घर में खुशहाली आती है.
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 20 August 2025 at 18:59 IST