अपडेटेड 23 July 2024 at 22:56 IST

कहीं आप तो नहीं चढ़ाते शिव जी को ऐसा बेलपत्र? जानें कैसा होना चाहिए बिल्व पत्र और चढ़ाने की विधि

यह तो हर कोई जानता है कि बेलपत्र के बिना शिव जी की पूजा अधूरी मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र चढ़ाने की विधि क्या है?

Belpatra
शिव की पूजा में कैसे चढ़ाएं बेलपत्र? | Image: shutterstock

Shivling Par Bel patra Chadhane Ki Vidhi: भगवान शंकर को समर्पित सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से हो चुकी है। इसी के साथ देशभर में शिव भक्तों की धूम भी देखने को मिल रही है। सावन का पूरा महीना शिव उपासना और आराधना के लिए जाना जाता है। हर को महादेव को प्रसन्न करने के जतन में लग गया है। वैसे तो भोलेनाथ एक लोटा जल से ही खुश हो जाते हैं, लेकिन उनकी पूजा में उनके प्रिय बेल पत्र का अधिक महत्व माना जाता है, लेकिन आप इसे चढ़ाने की विधि और महत्व के बारे में जानते हैं? नहीं तो आइए इसके बारे में जानते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बेलपत्र के बिना शिव जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए शिव भक्त भोले की पूजा में बिल्वपत्र को जरूर शामिल करते हैं, लेकिन ये बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि बेल पत्र चढ़ाने की भी विधि होती है जिसका जिक्र शास्त्रों में भी किया गया है। तो चलिए सावन के मौके पर जानते हैं शिव जी को बेल पत्र चढ़ाने की विधि और महत्व क्या है।

बेल पत्र के बिना अधूरी है शिव जी की पूजा

शास्त्रों के मुताबिक देवों के देव महादेव की पूजा में उनकी प्रिय चीजों को शामिल करने से वह बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं। वैसे तो उनकी पूजा में बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन उन्हें चढ़ाए जाने वाली चीजों में सबसे ज्यादा प्रिय बेल पत्र है जिसका महत्व ही अलग है। ऐसी मान्यता है कि बेल पत्र के बिना शिव जी की पूजा पूरी ही नहीं होती है, लेकिन अगर आप शिव जी को विधिनुसार बेल पत्र अर्पित नहीं करते हैं तो उसे चढ़ाने का भी कोई लाभ नहीं होता है। तो चलिए जानते हैं कि शिव जी को किस विधि से बेलपत्र चढ़ाना चाहिए।

कैसा होना चाहिए बेलपत्र?

  • शिव जी की पूजा में बेलपत्र चढ़ाने से पहले जान लें कि बेल पत्र होना कैसा चाहिए।
  • बेल पत्र को चढ़ाने से पहले ध्यान रखें की उसकी तीनों पत्तियां होनी चाहिए 2 या फिर 1 न हो।
  • वहीं बेलपत्र कहीं से भी कटा-फटा या गंदा न हो नहीं तो इसे खंडित माना जाता है।
  • जब आप शिव जी को बेल पत्र अर्पित करें तो ध्यान रखें की पत्ती का चिकना वाला हिस्सा शिवलिंग की तरफ हो।
  • ये बात शायद ही किसी को मालूम हो कि एक ही बेल पत्र को आप पानी से धोकर बार-बार चढ़ा सकते हैं।
  • शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से पहले ध्यान रहे कि कभी भी बिना जल के बेल पत्र न चढ़ाएं।
  • आपको बता दें कि बेल पत्र 3 पत्तियों वाले से लेकर 11 पत्तियों तक के होते हैं ये जितने ज्यादा वाले हो उतना अच्छा होता है, लेकिन ये मिलना मुश्किल होता है हालांकि 3 पत्तियों वाला आसानी से मिल जाता है।

शिव पूजा में बेल पत्र का क्या है महत्व?

शिव पुराण के मुताबिक बेल पत्र भोले नाथ को बहुत ही प्रिय है और स्कंदपुराण में बेल पत्र के महत्व के बारे में बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि अगर बेल पत्र के साथ भोलेनाथ की पूजा की जाए तो सभी पापों का नाश हो जाता है। मान्यता है कि बेल पत्र में मां पार्वती के कई रुपों का वास होता है। साथ ही इसमें मां लक्ष्मी का भी वासा होता है।

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Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 23 July 2024 at 22:56 IST