अपडेटेड 14 February 2024 at 10:35 IST

Basant Panchami: बसंत पंचमी आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि, कैसे करें सरस्वती वंदना?

Basant Panchami: आज बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने जा रहे हैं तो शुभ मुहूर्त और पूजा विधि नोट कर लें।

Follow : Google News Icon  
Basant Panchami Donate
बसंत पंचमी आज | Image: Facebook

Basant Panchami: आज यानी बुधवार को देशभर में बसंत पंचमी मनाई जा रही है। बसंत पंचमी के अवसर पर ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था। यही वजह है कि आज के दिन घरों, मंदिरों एवं शिक्षण संस्थानों में सरस्वाती पूजन किया जाता है।

ऐसे में अगर आप भी आज सरस्वती पूजन करने जा रहे हैं तो आपको पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के साथ-साथ सरस्वती वंदना के बारे में भी जान लेना चाहिए।

बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से हो चुकी है। जिसका समापन 14 फरवरी को दोपहर में 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि में बसंत पंचमी आज मनाई जा रही है। वहीं, आज शाम 8 बजे तक शुभ योग है। जिसके अनुसार सरस्वती पूजन के लिए सुबह 10 बजकर 46 मिनट से 12 बजे तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है। पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शुभ चौघडिया 10 बजकर 25 मिनट से 11 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगा। जो लोग पंचक में पूजा करना चाहते हैं वह सुबह 6 बजकर 9 मिनट से सुबह 9 बजे तक पूजा कर सकते हैं।

पूजा विधि

  • सुबह स्नान के बाद पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद माता सरस्वती की पूजा करने का संकल्प लें।
  • पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करने के बाद गंगाजल से स्नान कराएं।
  • माता को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
  • अब मां सरस्वती को पीले फूल, पीला गुलाब, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
  • गेंदे के फूल की माला पहनाने के बाद पीले रंग का मिष्ठान भोग लगाएं।
  • ध्यान रहे की बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते समय सरस्वती वंदना का पाठ जरूर करें। तभी पूजा सम्पन्न मानी जाएगी।

सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

Advertisement

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥

ये भी पढ़ें : कभी न करें सनस्क्रीन से जुड़ी से गलतियां, बुरी तरह डैमेज हो जाएगी स्किन, पड़ेगा पछताना

 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 14 February 2024 at 10:22 IST