अपडेटेड 12 December 2024 at 12:09 IST
Annapurna Jayanti 2024: कब मनाई जाएगी अन्नपूर्णा जयंती? नोट करें डेट, मुहूर्त और पूजा विधि
Annapurna Jayanti 2024 Date: इस साल अन्नपूर्णा जयंती कब मनाई जाएगी? आइए यहां जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
- 2 min read

Kab Hai Annapurna Jayanti 2024: हिंदू धर्म में हर व्रत त्योहार का बेहद खास महत्व है। साल 2024 का आखिरी महीना चल रहा है। इस महीने में अन्नपूर्णा जयंती भी मनाई जाने वाली है। अन्नपूर्णा जयंती मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा किए जाने की परंपरा है।
माता अन्नपूर्णा को अन्न, धन की देवी माना जाता है। लिहाजा अगर कोई साधक इस दिन देवी मां की पूजा या व्रत करता है तो उसे माता आर्थिक संकट से उबारकर उस पर धन की बारिश करती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल किस दिन अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी।
Annapurna Jayanti 2024 Date (अन्नपूर्णाा जयंती 2024 की तिथि)
पंचांग के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 14 दिसंबर को शाम 04 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 15 दिसंबर को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 के दिन मनाई जाएगी।
Annapurna Jayanti 2024 Shubh Muhurat (अन्नपूर्णाा जयंती 2024 शुभ मुहूर्त)
जैसा कि इस साल अन्नपूर्णा जयंती का व्रत 15 दिसंबर 2024 को रखा जाने वाला है। ऐसे में इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से दोपहर के ही 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में देवी मां की पूजा करना अति शुभ माना जाएगा।
Advertisement
Annapurna Jayanti 2024 Puja Vidhi (अन्नपूर्णा जयंती पूजा विधि)
- अन्नपूर्णा जयंती के दिन सुबह स्नान के बाद साफ-सुथरे सफेद या पीले रंगे के वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद मंदिर की साफ सफाई करके लकड़ी की चौकी स्थापित करें।
- अब इस चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इस पर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को स्थापित करें।
- अब विधि-विधान के साथ मां अन्नपूर्णा की पूजा करें।
- पूजा में माता को कुमकुम, हल्दी, अक्षत, नैवेद्य, तुलसी, फल, फूल आदि अर्पित करें।
- माता के समक्ष घी का दीपक और धूप जलाएं।
- इस दिन मां अन्नपूर्णा को हलवा और पूड़ी का भोग लगाएं।
- पूजा के आखिर में मां अन्नपूर्णा के मंत्रों का जाप व आरती करें।
- आरती के बाद मां को लगाए गए भोग को प्रसाद के रूप में सभी लोगों को वितरित करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 12 December 2024 at 12:08 IST