अपडेटेड 20 September 2025 at 15:03 IST

कौन है भारत का सबसे बड़ा दुश्मन? ट्रंप टैरिफ और चाबहार पोर्ट मामले के बीच PM मोदी ने कहा- हमें मिलकर इस दुश्मन को हराना ही होगा

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है, लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत के हर सामर्थ्य को नजरअंदाज किया। मगर अब सरकार की नीतियों से देश के नौजवानों का नुकसान नहीं फायदा हुआ है।

PM Modi
PM Modi | Image: ANI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 20 सितंबर को गुजरात के दौरे के दौरान भावनगर में 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन कौन है? पीएम मोदी ने भावनगर में एक भव्य रोड शो में किया। उनका रोड शो एयरपोर्ट से शुरू हुआ और लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय करता हुआ गांधी मैदान पर जाकर समाप्त हुआ।


भावनगर में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत में सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है, लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत के हर सामर्थ्य को नजरअंदाज किया, इसलिए आजादी के 6-7 दशकों बाद भी भारत वो सफलता हासिल नहीं कर पाया, जिसके हम हकदार थे। इसके दो बड़े कारण रहे- लंबे समय तक कांग्रेस सरकार ने देश को लाइसेंस कोटा राज में उलझाए रखा। दुनिया के बाजार से अलग-थलग रखा। कांग्रेस सरकार की नीतियों ने देश के नौजवानों का बहुत नुकसान किया।"

पीएम मोदी ने बताया भारत का सबसे बड़ा दुश्मन कौन?

पीएम मोदी ने आगे कहा, "भारत आज विश्वबंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है। दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। सच्चे अर्थ में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। यही हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है और हमें मिलकर भारत के इस दुश्मन को हराना ही होगा। जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता। उतनी ज्यादा देश की विफलता। विश्व में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना ही होगा।"

चिप हो या शिप भारत में हीं बनेंगे-PM मोदी

भारत की आत्मनर्भरता पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "2047 तक हमें विकसित होना है तो भारत को आत्मनिर्भर होना ही होगा। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। 140 करोड़ देशवासियों का एक ही संकल्प होना चाहिए- चिप हो या शिप। हमें भारत में ही बनाने होंगे। इसी सोच के साथ आज भारत समुद्री क्षेत्र भी नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म करने जा रहा है। देश के समुद्री क्षेत्र को मजबूती देने के लिए एक बहुत ऐतिहासिक निर्णय हुआ है... अब सरकार ने बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में मान्यता दे दी है।"

Advertisement

2047 तक भारत का बड़ा लक्ष्य 

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अब अपने लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर रहा है। सोलर और पोर्ट सेक्टर में तय लक्ष्य समय से पहले पूरे किए गए हैं। पोर्ट कनेक्टिविटी दोगुनी हो गई है और शिप टर्नअराउंड टाइम घटकर मात्र एक दिन रह गया है। नए पोर्ट्स का तेजी से विकास हो रहा है और 2047 तक भारत का लक्ष्य वैश्विक समुद्री व्यापार में अपनी हिस्सेदारी तीन गुना बढ़ाने का है। उन्होंने कहा, "हमें दुनिया को भारत का सामर्थ्य दिखाना है।

यह भी पढ़ें: BJP-RSS के खिलाफ आतंकी साजिश का खुलासा, पूछताछ में दानिश ने खोले कई राज
 

Advertisement

Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 20 September 2025 at 14:08 IST