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अपडेटेड 25 June 2025 at 09:55 IST

'यह लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय', आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर PM मोदी ने 'द इमरजेंसी डायरीज’ का किया जिक्र

आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर PM मोदी ने इसे लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय बताते हुए, उस दौरान अपनी यात्रा का जिक्र किया है।

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PM Modi
PM Modi | Image: ANI

देश में लगाए गए आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय बताया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सिलसिलेवार पोस्ट किए हैं, इस दौरान उन्होंने ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में आपातकाल के वर्षों के दौरान अपनी यात्रा के किए गए जिक्र के बारे में भी बताया।


PM मोदी ने X पोस्ट में लिखा, आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था!

तब मैं RSSका युवा प्रचारक था और…

पीएम मोदी ने आपातकाल के दौरान अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए एक और पोस्ट लिखा, जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं RSSका युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच डी देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।

 ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में यात्रा का वर्णन

PM मोदी ने आगे लिखा, ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में आपातकाल के वर्षों के दौरान मेरी यात्रा का वर्णन है। इसने उस समय की कई यादें ताजा कर दीं। मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूं जो आपातकाल के उन काले दिनों को याद करते हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले हैं, वे अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे युवाओं में 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में जागरूकता पैदा होगी।

पीएम मोदी ने लोगों से की ये अपील

पीएम मोदी ने अपने X पोस्ट में लिखा, हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं! ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए। #संविधानहत्यादिवस

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पब्लिश्ड 25 June 2025 at 09:55 IST