Published 09:50 IST, October 3rd 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को नवरात्रि की बधाई दी, मां शैलपुत्री से की करबद्ध प्रार्थना
नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की नौ दिन अलग-अलग पूजा होती है। नवरात्रि पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। इसके बाद दशहरे का त्योहार आता है।
PM Narendra Modi Cognates Navratri Festival: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बृहस्पतिवार को नवरात्रि (Navratri) के आरंभ पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कामना की कि शक्ति-वंदना को समर्पित यह पावन पर्व हर किसी के लिए शुभकारी सिद्ध हो। इस बार नवरात्र तीन अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की नौ दिन अलग-अलग पूजा होती है। नवरात्रि पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। इसके बाद दशहरे का त्योहार आता है।
मोदी ने सोशल मीडिया (Social Media) के 'एक्स' प्लेटफॉर्म (X) पर देश वासियों को नवरात्रि की बधाई दी और सोशल मीडिया पर लिखा, 'समस्त देशवासियों को नवरात्रि की असीम शुभकामनाएं। शक्ति-वंदना को समर्पित यह पावन पर्व हर किसी के लिए शुभकारी सिद्ध हो, यही कामना है। जय माता दी।' उन्होंने कहा कि देवी शैलपुत्री की आराधना के साथ नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। उन्होंने कहा, 'नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की करबद्ध प्रार्थना! उनकी कृपा से हर किसी का कल्याण हो।' प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही मां शैलपुत्री को समर्पित एक गीत का वीडियो भी साझा किया।
पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा
शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत आज 3 अक्टूबर 2024 के दिन हो चुकी है। नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर दिन शनिवार को दशमी तिथि में होगा। नौ दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में मां भगवती के भक्त नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इसका पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है, आइए आपको बताते हैं कि माता शैलपुत्री कौन थीं और पहले ही दिन इनकी पूजा क्यों की जाती है? नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के जिस स्वरूप की पूजा की जाती है वह माता पार्वती का स्वरुप है। इनका जन्म पर्वतराज हिमालय के घर हुआ था, जिसकी वजह से इनका नाम शैलपुत्री पड़ा।
नवरात्रि के पहले दिन क्यों होती है मां शैलपुत्री की पूजा?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नवरात्रि के पहले दिन पर्वतराज हिमालय ने अपनी पुत्री यानि कि माता शैलपुत्री का स्वागत पृथ्वी पर किया था। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन दुर्गा मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा के मुताबिक देवी पार्वती ने पूर्वजन्म में पति भगवान शिव को पुन: पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप की थी, जिसके बाद उनके तप से प्रसन्न होकर शिव जी ने एक बार फिर से पार्वती माता को पत्नी के रुप में स्वीकार किया था। जिसके बाद दोनों कैलाश पर चले गए, लेकिन हर साल माता पार्वती नवरात्रि के मौके पर अपने मायके पृथ्वी लोग आती हैं।
Updated 09:50 IST, October 3rd 2024