अपडेटेड 31 May 2024 at 11:17 IST
PM मोदी की ध्यान साधना... विवेकानंद रॉक मेमोरियल से सामने आई आध्यात्मिक प्रवास की पहली तस्वीर
पीएम मोदी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल से ध्यान साधना की पहली तस्वीर सामने आई है।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार की शाम तमिलनाडु के फेमस विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे तक चलने वाली अपनी ध्यान साधना शुरू की। पीएम की ध्यान साधना यहां एक जून तक चलेगी। अगले तीन दिन पीएम यहां सागर की लहरों के बीच एकांत में रहेंगे। अब ध्यान मंडपम से पीएम मोदी के ध्यान साधना की पहली तस्वीर और वीडियो सामने आया है।
पीएम मोदी 1 जून की शाम तक उसी शिला पर बैठकर ध्यान कर रहे हैं जिस शिला पर विवेकानंद ने ध्यान किया था। विवेकानंद रॉक मेमोरियल में पीएम मोदी ने गुरुवार शाम करीब 6 बजकर 45 मिनट पर अपना ध्यान साधना शुरू किया था। पीएम मोदी के आध्यात्मिक प्रवास को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अगले दो दिनों तक रॉक मेमोरियल पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं। निजी नौकाओ को भी यहां जाने की इजाजत नहीं है।
पीएम मोदी के ध्यान साधना की पहली तस्वीर
पीएम मोदी ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल में आध्यात्मिक प्रवास पर है। ये वो जगह है जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था। वे 1 जून तक यहां ध्यान लगाएंगे। अब रॉक मेमोरियल से पीएम मोदी की पहली तस्वीर सामने आई है। तस्वीरों में पीएम मोदी भगवा वस्त्र धारण किए, ऋषि मुनि की तरह ध्यान में मग्न नजर आ रहे हैं। विवेकानंद की मूर्ति के सामने वो ध्यान मुद्रा में बैठे हैं।
पर्यटकों के लिए बंद हुआ रॉक मेमोरियल
पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए देश दक्षिण छोर पर स्थित इस जिले में 2 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 70 दिनों तक लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार-प्रसार खत्म करने के बाद गुरुवार, 30 मई को अपनी आखिरी चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी कन्याकुमारी पहुंचे। मोदी ने पहले भगवती अम्मन मंदिर में पूजा की और नौका के जरिये रॉक मेमोरियल पहुंचे और फिर ध्यान साधना शुरू की।
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विवेकानंद रॉक मेमोरियल का खासियत
यहां विवेकानंद की एक प्रतिमा स्थित है। स्मारक में दो मुख्य संरचनाएं हैं, एक विवेकानंद मंडपम और दूसरा श्रीपद मंडपम। दोनों मंडप इस प्रकार डिजाइन किए गए हैं कि प्रतिमा में स्वामी विवेकानंद की दृष्टि सीधे श्रीपदम की ओर दिखाई देगी। यहां घूमने का समय- सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक है। इस जगह का एक धार्मिक महत्व भी माना जाता है। कहा जाता है कि यहां देवी पार्वती ने भगवान शिव के लिए ध्यान किया था। चट्टान का एक विशेष हिस्सा है, जिसके बारे में माना जाता है कि ये देवी के पैरों की छाप है। पौराणिक परंपरा में इसे 'श्रीपद पराई' के नाम से जाना जाता है।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 31 May 2024 at 10:25 IST