अपडेटेड 20 August 2024 at 23:39 IST
PM मोदी और अनवर इब्राहिम की व्यापार, निवेश और रक्षा पर बातचीत, दोनों देशों के बीच कई समझौते
PM मोदी और अनवर इब्राहिम की व्यापार, निवेश और रक्षा पर बातचीत हुई जिसके बाद दोनों देशों के बीच कई समझौते हुई हैं।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मलेशियाई समकक्ष अनवर इब्राहिम के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों पर गहन बातचीत के बाद भारत और मलेशिया ने मंगलवार को फैसला किया कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाएंगे।
दोनों देशों ने कम से कम आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से एक मलेशिया में भारतीय श्रमिकों की भर्ती को बढ़ावा देने तथा उनके हितों की सुरक्षा से संबंधित है। महातिर मोहम्मद के मलेशिया के प्रधानमंत्री रहने के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ गतिरोध पैदा हो गया था। वार्ता का मुख्य उद्देश्य संबंधों को फिर से गति प्रदान करना था।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया, विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि सभी प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा की गई।
नाइक कथित तौर पर धन शोधन और नफरत भरे भाषणों के जरिए कट्टरता फैलाने के आरोप में भारत में वांछित है। वह 2016 में भारत छोड़कर चला गया था। मजूमदार ने कहा कि मलेशिया ने भारत से विभिन्न रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए विचार करने पर भी सहमति व्यक्त की है।
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दोनों पक्षों ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया और इस संदर्भ में भारत ने मलेशिया को 200 मीट्रिक टन गैर-बासमती चावल की आपूर्ति करने पर सहमति व्यक्त की। इब्राहिम तीन दिवसीय भारत दौरे के तहत सोमवार रात दिल्ली पहुंचे। यह बतौर प्रधानमंत्री उनका पहला भारत दौरा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया के लिए जारी बयान में कहा, ‘‘हमने भारत-मलेशिया साझेदारी को समग्र रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कामगारों के रोजगार पर समझौते से भारतीयों की भर्ती को बढ़ावा मिलेगा तथा उनके हितों की सुरक्षा भी होगी।
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भारत-मलेशिया आर्थिक संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष मलेशिया से भारत में पांच अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ तथा दोनों पक्षों ने अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि आर्थिक सहयोग में अब भी काफी संभावनाएं हैं। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश का विस्तार किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें सेमीकंडक्टर, फिनटेक, रक्षा उद्योग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम जैसे नए तकनीकी क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए। हमने भारत और मलेशिया के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते की समीक्षा में तेजी लाने पर जोर दिया है।’’
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली यूपीआई को मलेशिया के ‘पेनेट’ से जोड़ने के लिए काम किया जाएगा। मोदी ने कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने को लेकर दोनों देशों का दृष्टिकोण समान है।
एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश को आतंकवादियों को पनाह नहीं देनी चाहिए। दोनों पक्षों ने आतंकवाद के दोषियों को शीघ्र न्याय के कठघरे में लाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।
मोदी ने मलेशिया को दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन ‘आसियान’ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण साझेदार बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और आसियान के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा समय पर पूरी होनी चाहिए।’’
दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में स्थिति की तरफ इशारा करते हुए मोदी ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, जहाजों और विमानों की मुक्त आवाजाही के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करते हैं।”
दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीनी सेना की भड़काऊ कार्रवाई लगातार बढ़ रही है। भारत और मलेशिया ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग की नयी संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों देशों ने डिजिटल प्रौद्योगिकी में सहयोग के लिए डिजिटल परिषद स्थापित करने और एक स्टार्ट-अप गठबंधन बनाने का भी निर्णय लिया।
इब्राहिम ने अपने बयान में कहा कि सभी संवेदनशील या उसी तरह के अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई, जिससे दोनों देशों के बीच दोस्ती के सही मायने प्रतिबिंबित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक महान राष्ट्र है जिसका गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और सभ्यता है। यह कई मायनों में बहु-संस्कृति और बहु-धर्म वाला देश है।’’ इब्राहिम ने कहा, ‘‘इसलिए, व्यापार और निवेश से परे हमारे बीच बहुत सी समानताएं हैं।’’
मोदी-इब्राहिम के बीच वार्ता में मलेशिया के टुंकू अब्दुल रहमान विश्वविद्यालय में आयुर्वेद पीठ स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा मलय विश्वविद्यालय में तिरुवल्लुवर पीठ स्थापित करने का भी फैसला किया गया।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 20 August 2024 at 23:39 IST