अपडेटेड 31 October 2025 at 14:52 IST

Rashtriya Ekta Diwas 2025: 'इतिहास में सिर्फ सच्चाई दर्ज हो ना कि कांग्रेस का गढ़ा हुआ पक्ष', स्‍टैचू ऑफ यूनिटी से बोले PM Modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती एक ऐतिहासिक अवसर है।

Rashtriya Ekta Diwas 2025
'इतिहास में सिर्फ सच्चाई दर्ज हो ना कि कांग्रेस का गढ़ा हुआ पक्ष', स्‍टैचू ऑफ यूनिटी से बोले PM Modi | Image: PIB

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती एक ऐतिहासिक अवसर है। एकता नगर की सुबह को दिव्य और मनोहारी बताया और पीएम मोदी ने सरदार पटेल के चरणों में सामूहिक उपस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण का साक्षी बन रहा है। उन्होंने राष्ट्रव्यापी एकता दौड़ और करोड़ों भारतीयों की उत्साहपूर्ण भागीदारी का उल्‍लेख करते हुए कहा कि नए भारत का संकल्प स्पष्ट रूप से महसूस किया जा रहा है। 

इससे पहले आयोजित किए गए कार्यक्रमों और पिछली शाम की उल्लेखनीय प्रस्तुति पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इनमें अतीत की परंपराओं, वर्तमान के श्रम और पराक्रम एवं भविष्य की उपलब्धियों की झलक दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक स्मारक सिक्का और एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया है। प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर देश के सभी 140 करोड़ नागरिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल का मानना ​​था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए; बल्कि इतिहास रचने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दृढ़ विश्वास सरदार पटेल की जीवन-गाथा में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल द्वारा अपनाई गई नीतियों और निर्णयों ने इतिहास में एक नया अध्याय लिखा। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे सरदार पटेल ने स्वतंत्रता के बाद 550 से अधिक रियासतों के एकीकरण के असंभव से लगने वाले कार्य को पूरा किया। 

एकता दिवस का महत्व 15 अगस्त- 26 जनवरी जैसा

'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का विचार सरदार पटेल के लिए सर्वोपरि था। पीएम मोदी ने कहा कि यही कारण है कि सरदार पटेल की जयंती स्वाभाविक रूप से राष्ट्रीय एकता का एक भव्य उत्सव बन चुकी है। जिस प्रकार 140 करोड़ भारतीय 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं, उसी प्रकार एकता दिवस का महत्व भी अब उसी स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि आज करोड़ों लोगों ने एकता की शपथ ली है और राष्ट्र की एकता को मजबूत करने वाले कार्यों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि एकता नगर में ही, एकता मॉल और एकता गार्डन एकता के सूत्र को मजबूत बनाने वाले प्रतीक के रूप में खड़े हैं।

प्रधानमंत्री ने बल देते हुए कहा कि हर नागरिक को ऐसे हर काम से बचना चाहिए जो देश की एकता को कमज़ोर करता हो। उन्होंने कहा कि यही समय की मांग है और हर भारतीय के लिए एकता दिवस का मूल संदेश भी यही है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने राष्ट्र की संप्रभुता को सर्वोपरि रखा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि सरदार पटेल के निधन के बाद के वर्षों में, आने वाली सरकारों ने राष्ट्रीय संप्रभुता के प्रति उतनी गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कश्मीर में हुई गलतियों, पूर्वोत्तर की चुनौतियों और देश भर में नक्सल-माओवादी आतंकवाद के प्रसार को भारत की संप्रभुता के लिए सीधा ख़तरा बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की नीतियों का पालन करने के बजाय, उस दौर की सरकारों ने एक रीढ़विहीन दृष्टिकोण अपनाया, जिसका परिणाम देश को हिंसा और रक्तपात के रूप में भुगतना पड़ा।

पीएम मोदी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी में से बहुतों को शायद यह पता न हो कि सरदार पटेल कश्मीर के पूर्ण एकीकरण की इच्छा रखते थे, ठीक उसी तरह जैसे उन्होंने अन्य रियासतों का सफलतापूर्वक विलय किया था। हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उनकी इस इच्छा को पूरा नहीं होने दिया। पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर को एक अलग संविधान और एक अलग प्रतीक द्वारा विभाजित किया गया था। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर तत्कालीन सत्तारूढ़ दल की गलती ने देश को दशकों तक अशांति में डुबोए रखा। 

उनकी कमजोर नीतियों के कारण, कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया और पाकिस्तान ने आतंकवाद को और बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर और देश, दोनों ने इन गलतियों की भारी कीमत चुकाई फिर भी, उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार आतंकवाद के आगे झुकती रही।

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विपक्ष पर बोला हमला

सरदार पटेल के विजन को भुला देने के लिए वर्तमान विपक्षी दल की आलोचना करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2014 के बाद, राष्ट्र ने एक बार फिर सरदार पटेल से प्रेरित दृढ़ संकल्प देखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कश्मीर अनुच्छेद 370 की बेड़ियों से मुक्त हो गया है और पूरी तरह से मुख्यधारा में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और आतंकवाद के आकाओं को भी अब भारत की असली क्षमता का एहसास हो गया है। 

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ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा है कि अगर कोई भारत को चुनौती देने की हिम्मत करता है, तो देश दुश्मन की ज़मीन पर हमला करके जवाब देता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत की प्रतिक्रिया हमेशा मज़बूत और निर्णायक रही है। उन्होंने कहा कि यह भारत के दुश्मनों के लिए एक संदेश है— “यह लौह पुरुष सरदार पटेल का भारत है और यह अपनी सुरक्षा और सम्मान से कभी समझौता नहीं करेगा।”

नक्सल-माओवादी आतंकवाद की रीढ़ तोड़ टूट गई

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में, पिछले ग्यारह वर्षों में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि नक्सल-माओवादी आतंकवाद की रीढ़ तोड़ना रही है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2014 से पहले देश में हालात ऐसे थे कि नक्सल-माओवादी समूह भारत के मध्य से ही अपना शासन चलाते थे। इन इलाकों में भारत का संविधान लागू नहीं होता था और पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्थाएं काम नहीं कर पाती थीं। पीएम मोदी ने कहा कि नक्सली खुलेआम हुक्म चलाते थे, सड़क निर्माण में बाधा डालते थे और स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों पर बमबारी करते थे, जबकि प्रशासन उनके सामने बेबस नज़र आता था।

पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद, हमारी सरकार ने नक्सल-माओवादी आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में रहने वाले नक्सल समर्थकों—शहरी नक्सलियों—को भी दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वैचारिक लड़ाई जीती गई और नक्सलियों के गढ़ों में सीधा मुकाबला किया गया। उन्होंने कहा कि इसके परिणाम अब पूरे देश के सामने हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले देश के लगभग 125 जिले माओवादी आतंकवाद से प्रभावित थे। आज यह संख्या घटकर केवल 11 रह गई है और केवल तीन जिले ही गंभीर नक्सल प्रभाव का सामना कर रहे हैं। एकता नगर की धरती से, सरदार पटेल की उपस्थिति में, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को आश्वासन दिया कि सरकार तब तक नहीं रुकेगी जब तक भारत नक्सल-माओवादी खतरों से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 31 October 2025 at 14:52 IST