अपडेटेड 24 December 2025 at 11:27 IST
अंतरिक्ष में बड़ी छलांग...LVM3-M6 की सफल लॉन्चिंग को PM मोदी ने बताया गौरव का पल; ISRO को दी बधाई
पीएम मोदी ने इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘भारत ने अंतरिक्ष में एक बड़ी छलांग लगाई है।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में अब तक का सबसे भारी पेलोड (6,100 किलोग्राम) को लॉन्च किया है। यह मिशन भारत के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होने वाला है। पीएम मोदी ने इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘भारत ने अंतरिक्ष में एक बड़ी छलांग लगाई है। LVM3-M6 मिशन की सफलता के साथ, भारत ने अपने धरती से अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट अमेरिका का BlueBird Block-2 है, जिसे उसकी सही कक्षा में स्थापित किया गया है। यह भारत के लिए एक गर्व का पल है।’
उन्होंने आगे लिखा, 'इस सफलता से भारत की भारी सैटेलाइट लॉन्च करने की क्षमता मजबूत हुई है। साथ ही, यह दुनिया भर में व्यावसायिक लॉन्च के बाजार में भारत की बढ़ती भूमिका को भी दिखाता है। यह उपलब्धि 'आत्मनिर्भर भारत' के हमारे प्रयासों का भी एक प्रमाण है। हमारे मेहनती अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बहुत-बहुत बधाई। भारत अंतरिक्ष की दुनिया में लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है।'
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी दी बधाई
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक्स पर पोस्ट करके इसरो को बधाई दी। उन्होंने लिखा, ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को ले जाने वाले एलवीएम3-एम6 के सफल लॉन्च के लिए टीम इसरो को बधाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी संरक्षण में, इसरो लगातार एक के बाद एक सफलता हासिल कर रहा है, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती ताकत को फिर से साबित करता है।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन क्यों है खास
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ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह, AST स्पेसमोबाइल के सहयोग से इसरो द्वारा लॉन्च किया गया है और इसका उद्देश्य वैश्विक मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। इस उपग्रह के जरिए दुनिया भर में 4G और 5G वॉयस कॉल, वीडियो कॉल, मैसेजिंग और डेटा सेवाएं सीधे मोबाइल फोन तक पहुंचाई जा सकेंगी। यह एक नेक्स्ट-जेनरेशन कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जो किसी भी स्थान पर रहने वाले लोगों को इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं का लाभ देगा। हालांकि फिलहाल यह सुविधा विमान में या कुछ विशेष जगहों पर सीमित हो सकती है क्योंकि इससे नेविगेशन सिस्टम पर असर पड़ सकता है।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 की पूरी डिटेल
LVM3-M6 रॉकेट की लंबाई 43.5 मीटर है और यह तीन चरणों वाला प्रक्षेपण यान है। इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है, जिसे इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर ने विकसित किया है। रॉकेट में दो S200 ठोस रॉकेट बूस्टर भी शामिल हैं, जो विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र द्वारा विकसित किए गए हैं और प्रक्षेपण के दौरान आवश्यक अत्यधिक थ्रस्ट प्रदान करते हैं। लॉन्च के लगभग 15 मिनट बाद उपग्रह को रॉकेट से अलग किया गया, और यह 600 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थापित होगा।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 24 December 2025 at 11:27 IST