अपडेटेड 16 June 2025 at 14:31 IST

पीएम मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, बोले- साथ मिलकर, शांतिपूर्ण और सुरक्षित वैश्विक वातावरण का करेंगे निर्माण

साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया।

PM Modi awarded highest civilian honour of Cyprus
पीएम मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, बोले- साथ मिलकर, शांतिपूर्ण और सुरक्षित वैश्विक वातावरण का करेंगे निर्माण | Image: ANI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया। ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय साइप्रस की ओर से प्रदान किया जाने वाला नाइटहुड सम्मान है, जिसका नाम साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति आर्कबिशप मकारियोस तृतीय के नाम पर रखा गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मान मिलने के बाद कहा, "राष्ट्रपति, ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III के लिए, मैं आपका, साइप्रस सरकार और साइप्रस के लोगों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। यह सिर्फ नरेंद्र मोदी का नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह उनकी क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है। यह हमारी संस्कृति, भाईचारे और वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा का सम्मान है। मैं इसे भारत और साइप्रस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों, हमारे साझा मूल्यों और आपसी समझ के लिए समर्पित करता हूं... सभी भारतीयों की ओर से, मैं इस सम्मान को बहुत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ स्वीकार करता हूं। यह पुरस्कार शांति, सुरक्षा, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और हमारे लोगों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।"

पीएम मोदी ने कहा "मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी सक्रिय साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी। साथ मिलकर, हम न केवल अपने दोनों देशों की प्रगति को मजबूत करेंगे बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वैश्विक वातावरण के निर्माण में भी योगदान देंगे"।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति महामहिम निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ आज लिमासोल में साइप्रस और भारत के व्यापारिक प्रतिनिधियों के साथ गोलमेज वार्ता की। प्रतिभागियों में बैंकिंग, वित्तीय संस्थानों, विनिर्माण, रक्षा, रसद, समुद्री, शिपिंग, प्रौद्योगिकी, नवाचार, डिजिटल प्रौद्योगिकी, एआई, आईटी सेवाओं, पर्यटन और गतिशीलता जैसे विविध क्षेत्रों के प्रतिनिधि सम्मिलित थे।

Advertisement

प्रधानमंत्री और साइप्रस के राष्ट्रपति की बातचीत

पिछले 11 वर्षों में भारत के तेजी से आर्थिक परिवर्तन की जानकारी देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अगली पीढ़ी के सुधारों, नीतिगत पूर्वानुमान, स्थिर राजनीति और व्यापार करने में आसानी से प्रेरित होकर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है। नवाचार, डिजिटल क्रांति, स्टार्ट-अप और भविष्य के बुनियादी ढांचे के विकास को दी जा रही प्राथमिकता पर बल देते हुए, पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, भारत कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की अच्छी स्थिति में है।

Advertisement

उन्होंने कहा कि भारत में नागरिक उड्डयन, बंदरगाह, जहाज निर्माण, डिजिटल भुगतान और हरित विकास क्षेत्रों में स्थिर वृद्धि ने साइप्रस की कंपनियों के लिए भारत के साथ साझेदारी करने के असंख्य अवसर खोले हैं। उन्होंने भारत की कुशल प्रतिभा और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र की ताकत की जानकारी दी और भारत की विकास गाथा में योगदान देने वाले नए और उभरते क्षेत्रों के रूप में विनिर्माण, एआई, क्वांटम, सेमीकंडक्टर और महत्वपूर्ण खनिजों की जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साइप्रस भारत के लिए खासकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में नए निवेश के लिए साइप्रस की गहरी रुचि का स्वागत किया। वित्तीय सेवा क्षेत्र में व्यावसायिक जुड़ाव की संभावना पर बल देते हुए, दोनों नेताओं ने एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज गिफ्ट सिटी, गुजरात और साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। एनआईपीएल (एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड) और यूरोबैंक साइप्रस ने दोनों देशों के बीच सीमा पार भुगतान के लिए यूपीआई शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। इससे पर्यटकों और व्यवसायों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने भारत-ग्रीस-साइप्रस (आईजीसी) व्यापार और निवेश परिषद के शुभारंभ का भी स्वागत किया, जो शिपिंग, लॉजिस्टिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में त्रिपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री ने इस तथ्य का स्वागत किया कि कई भारतीय कंपनियां साइप्रस को यूरोप के प्रवेश द्वार और आईटी सेवाओं, वित्तीय प्रबंधन और पर्यटन के केंद्र के रूप में देखती हैं।

साइप्रस अगले वर्ष यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में दोनों नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने वर्ष के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने के बारे में आशा व्यक्त की, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि व्यापार गोलमेज चर्चा ने व्यावहारिक सुझाव दिए हैं जो संरचित आर्थिक रोडमैप का आधार बनेंगे। इससे व्यापार, नवाचार और रणनीतिक क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग सुनिश्चित होगा। साझा आकांक्षाओं और भविष्य-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ, भारत और साइप्रस गतिशील और पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक सहयोग के नए युग के लिए तैयार हैं।

इसे भी पढ़ें- सोनीपत में हरियाणवी मॉडल की गला रेतकर हत्या, छाती पर बने टैटू से हुई शिनाख्‍त; बहन को कॉल कर बताई थी ब्‍वॉयफ्रेंड की करतूत

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 16 June 2025 at 14:31 IST