अपडेटेड 10 February 2024 at 18:18 IST
वो 3 कौन-सी शक्तियां, जिनसे मुकाबला करने की बात PM Modi ने Lok Sabha में करने लगे
Parliament Session: प्रधानमंत्री Narendra Modi ने कहा कि जल, थल, नभ, सदियों से इन क्षेत्रों की चर्चा चली है। अब समुद्री शक्ति, स्पेस शक्ति और साइबर शक्ति है।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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PM Narendra Modi Lok Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने आखिरी सत्र के आखिरी दिन 17वीं लोकसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने सदस्यों को बधाई दी और सदन को चलाने में अध्यक्ष ओम बिरला की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्ष देश के लिए महत्वूपर्ण है, यह सपना, आशा और संकल्प है कि देश इच्छित परिणाम हासिल करके रहेगा। देश में यह जज्बा पैदा हुआ है कि 25 साल में विकसित भारत का सपना पूरा होगा।
पीएम मोदी ने समुद्री शक्ति, स्पेस शक्ति और साइबर शक्ति को एक चुनौती के रूप में माना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि जल, थल, नभ, सदियों से इन क्षेत्रों की चर्चा चली है। अब समुद्री शक्ति, स्पेस शक्ति और साइबर शक्ति है। इन तीनों शक्तियों का मुकाबला करने की जरूरत आज खड़ी हुई है।
हमें सकारात्मक सामर्थ पैदा करना है: PM मोदी
उन्होंने आगे कहा, 'पूरी दुनिया जिस तरह से संकटों से गुजर रही है, इन स्थितियों में हमें सकारात्मक सामर्थ भी पैदा करना है और नकारात्मक शक्तियों से अपने आप को बचाना है, चुनौतियों को चुनौती लेने का सामर्थ भी बनाना है।'
लोकसभा में अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि उसके लिए जरूरी है स्पेस से जुड़े हुए रिफॉर्म। ये बहुत जरूरी थे और दूरगामी दृष्टि के साथ स्पेस के रिफॉर्म का काम हमारे यहां हुआ है।
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21वीं सदी में हमारी जरूरतें बदल रही हैं: PM मोदी
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में हमारी जरूरतें बदल रही हैं। कल तक जिसका कोई मूल्य नहीं था, वो चीज बहुत अमूल्य बन चुकी है। उदाहरण के लिए डेटा, इसकी पूरी दुनिया में चर्चा है कि डेटा का सामर्थ क्या होता है। हमने इसके लिए बिल लाकर पूरी भावी पीढ़ी को सुरक्षित कर दिया है। भावी पीढ़ी को हमने नया शस्त्र दिया है, जिसके आधार पर वो अपने भविष्य को बनाने के लिए सही इस्तेमाल करेंगे।
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अपनी बात आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के लोगों को भी भारत के एक्ट के प्रति रुची बनी हुई है और दुनिया के लोग इसका अध्ययन करते हैं। डेटा का इस्तेमाल कैसे हो, भारत के बिल में इसकी भी गाइडलाइन्स हैं। लोग डेटा को गोल्ड माइन भी कहते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है। हमारे पास जिस प्रकार की जानकारी और डेटा इकट्ठा होता है, दुनिया के लिए बड़े संसोधन का विषय हो सकता है।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 10 February 2024 at 18:11 IST