अपडेटेड 22 January 2024 at 17:14 IST
32 साल पहले मोदी ने खाई थी एक कसम, फिर आंदोलन और लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी... पूरी कहानी
PM Modi Ayodhya: नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए कड़े संघर्ष किए, आंदोलन किए, यात्राएं निकालीं। उन्होंने सपने को पूरा करने के लिए अपनी जिंदगी के कई बरस खपाए।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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Narendra Modi Ram Mandir Andolan: 'मंदिर वहीं था, वहीं है, और वहीं बनेगा', ये 1993 में नरेंद्र मोदी की तरफ से गढ़ा गया 'जन जागरण अभियान' का नारा था। 90 के दशक में राम मंदिर का मुद्दा सबसे ज्यादा उभार पर रहा था। उस दौर में राम मंदिर आंदोलन की धमक और गुजरात से उठती आवाजें दिल्ली के तख्त पर बैठे नेताओं के कानों को चीर रही थीं। उन आवाजों में से एक आवाज नरेंद्र मोदी की थी, जो सौगंध ले चुके थे कि राम मंदिर अयोध्या में ही बनेगा।
500 बरस बाद अयोध्या में आज का भव्य राम मंदिर बहुत से हिंदुओं के बलिदान, तपस्या और संघर्ष का फल है, इसमें कोई दोराय नहीं है। हालांकि इसमें नरेंद्र मोदी की भूमिका और उनके संघर्ष को भी कोई भुला नहीं सकता है।
राम रथ यात्रा में मोदी ने निभाई भूमिका
सितंबर 1990 में सोमनाथ-अयोध्या राम रथ यात्रा की शुरुआत के साथ भारत इतिहास के शिखर पर खड़ा था। राम रथ यात्रा भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण था। उस वक्त यात्रा की संगठनात्मक जिम्मेदारी में सबसे आगे नरेंद्र मोदी थे, जो भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई में महासचिव हुआ करते थे। उस समय नरेंद्र मोदी ने 600 गांवों को कवर करते हुए यात्रा के गुजरात चरण की कमान संभाली।
बताया जाता है कि पीएम मोदी राम रथ यात्रा के वक्त पूरे समय नवरात्र का व्रत रखे हुए थे। वो दिन में 18 घंटे तक राम के लिए काम किया करते थे, जिसमें सभाएं होती थी, जो रात में लंबे समय तक चलती थीं।
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32 साल पहले मोदी ने खाई थी कसम
नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर आंदोलन के प्रति अटूट समर्थन दिखाया। उस समय जब बिहार में लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया था, तो मोदी और दूसरे नेताओं ने अपने इरादे साफ कर दिए थे। 26 अक्टूबर 1990 को मोदी ने कई लोगों के साथ मिलकर भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के सामने शपथ थी - 'राम मंदिर बनेगा!'
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राम मंदिर आंदोलन के बीच नरेंद्र मोदी अयोध्या में दर्शन करने भी गए थे। उस समय वो कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता का संदेश फैलाने के लिए एकता यात्रा पर थे। ऐसा बताया जाता है कि 14 जनवरी 1992 को 'जय श्री राम' के नारों के बीच उस समय नरेंद्र मोदी ने कसम खाई कि राम मंदिर बनने पर ही वो अयोध्या वापस आएंगे।
क्या था जन जागरण अभियान?
बीजेपी ने 1993 में राम मंदिर के लिए जन जागरण अभियान चलाया था। वो उस समय बीजेपी के गुजरात महासचिव थे और राम मंदिर आंदोलन के समर्थक बने। तीन दशक पहले बीजेपी ने जनवरी में सक्रिय रूप से अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया था, जिसमें मोहल्ला बैठक, प्रभात फेरी और सम्मेलन, कई व्यावसायिक कक्षाएं और एक विशाल हस्ताक्षर संग्रह अभियान शामिल था।
हस्ताक्षर संग्रह अभियान में प्रत्येक जिले से कम से कम 10000 लोगों से संपर्क करने की योजना बनाई गई थी और गुजरात से लगभग आधा करोड़ हस्ताक्षर की उम्मीद थी। करोड़ों लोगों की तरफ से हस्ताक्षरित याचिका को भारत के राष्ट्रपति को भेजा जाना था, जिसमें मांग की गई थी कि अयोध्या में उनकी जन्मभूमि पर श्रीराम के लिए मंदिर बनाया जाए।
इसी दौरान 1993 में मोदी ने 'जन जागरण अभियान' के दौरान 'मंदिर वहीं था, वहीं है, और वहीं बनेगा' नारा गढ़ा था।
मोदी के और भी भाषणों ने जोश बढ़ाया
राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई ओजस्वी भाषण दिए। उनमें 'लोक अदालत मा अयोध्या' का शीर्षक खासतौर पर प्रभावशाली था। बताया जाता है कि ये जनता को इतना पसंद आया कि भाषण रिकॉर्ड किया गया और लोगों को इसे बार-बार सुनने के लिए हजारों कैसेट प्रतियां बेची गईं। उसी दौरान मोदी ने एक भाषण दिया था, जिसमें कहा था-
"राम मंदिर राम जन्मभूमि स्थल पर ही बनाया जाएगा, जहां राम का जन्म हुआ था। दुनिया की कोई ताकत राम मंदिर बनने से नहीं रोक सकती।"
1989 में विश्व हिंदू परिषद की 'धर्म संसद' के दौरान नरेंद्र मोदी ने जोरदार भाषण दिया था। मोदी ने अपने भाषण में राष्ट्र और श्री राम के बीच गहरे संबंध के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था, 'राम के बिना कोई राष्ट्र नहीं। वह जहां भी जाते हैं, हमारी अयोध्या वहीं है।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र का सार वहीं है जहां राम मौजूद हैं।
2020 में शिलान्यास, अब 2024 में प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर के लिए इस तरह नरेंद्र मोदी ने कड़े संघर्ष किए, आंदोलन किए, यात्राएं निकालीं। सपने को पूरा करने के लिए अपनी जिंदगी के कई बरस खपाए। 5 अगस्त 2020 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी और आज 22 जनवरी 2024 में खुद अपने हाथों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की।
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Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 22 January 2024 at 16:53 IST