अपडेटेड 21 November 2024 at 16:25 IST

EXPLAINER/ पुतिन और जिनपिंग के हाथों में हाथ, बीच में PM मोदी का साथ...BRICS की ये फोटो दुनिया के लिए क्यों अहम

पीएम मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के बाद कजान से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। समिट में राष्ट्रपति पुतिन, पीएम मोदी और शी जिनपिंग साथ-साथ नजर आए।

पीएम मोदी, राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग
पीएम मोदी, राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग | Image: AP

रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन का आज दूसरा दिन था। ब्रिक्स समिट 2024 का दूसरा दिन भारत के लिए खास रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि 2019 से अबतक, इन पांच सालों में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बैठक की। बैठक के बाद पीएम मोदी भारत के लिए वापस रवाना हो चुके हैं। इस पूरे शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ही नजर आए।

मिडिल ईस्ट में इन दिनों काफी तनावपूर्ण माहौल है। रूस और यूक्रेन के बीच भी जंग जारी है। इन सबके बीच दुनिया भारत के नेतृत्व को उम्मीद की नजर से देख रही है। इसकी झलक रूस में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भी देखने को मिला। यूक्रेन के साथ जंग के बीच रूच शांति वार्ता करने की बात भी करता रहा है।

भारत को शांति मध्यस्थों की तरह देखता है रूस

दोनों देशों के बीच बातचीत की मध्यस्थता के लिए रूस भारत को अपना साथी मान रहा है। रूस ने इस बात का पहले भी जिक्र किया है कि, अगर दोनों देशों के बीच वार्ता होती है, तो भारत को एक शांति मध्यस्थों की तरह देखता है। हालांकि, भारत ने बिना किसी पक्षपात के हमेशा से कहा है कि वो युद्ध के खिलाफ और शांति वार्ता का पक्षधर है।

वहीं दूसरी तरफ चीन खुद से ही इस बात को दोहराता रहा है, कि वो दोनों देशों के बीच शांति वार्ता के लिए मध्यस्थता करने को तैयार है। वहीं चीन-भारत के बीच बीते कुछ सालों से संबंध बेहतर नहीं रहे। हालांकि, रूस लगातार दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने के लिए एक अच्छे मित्र की भूमिका में रहा है।

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दुनिया इस वक्त भारत और चीन को निवेश के लिए सबसे अच्छा देश मान रही है। वहीं ब्रिक्स समिट 2024 के इन तस्वीरों को देखें, तो पुतिन ज्यादातर समय पीएम मोदी और शी जिनपिंग के साथ ही नजर आए। कई बार पीएम मोदी जिनपिंग और पुतिन के बीच नजर आए, तो कई बार पुतिन मोदी और जिनपिंग के बीच नजर आए। इन तस्वीरों को देखकर ये कयास लगाना गलत नहीं होगा कि भारत को चीन के ऊपर बढ़त मिल रही है।

क्या जिनपिंग से ज्यादा मोदी के तरजीह दे रहे पुतिन?

इसका ताजा उदाहरण इस सम्मेलन के दौरान भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने जो कहा वो है। दरअसल, द्विपक्षीय वार्ता की जब शुरुआत हुई, तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "हमारे संबंध तो इतने पुराने हैं कि मुझे नहीं लगता कि आपको मुझे समझने के लिए किसी अनुवाद की जरूरत है।" रूसी राष्ट्रपति पुतिन जब मुस्कुराते हुए ये बात कही तो पीएम मोदी भी जोर से हंस पड़े। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री 'इस संघर्ष में प्रतिभागियों से प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं'।

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5 साल में पीएम मोदी-जिनपिंग की पहली बैठक

सीमा विवाद शुरू होने के बाद पहली बार पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने औपचारिक तौर पर बैठक की हो। दोनों देशों के प्रमुख नेतृत्व ने आपसी संबंध को और बेहतर बनाने की बात की। LAC को लेकर भारत और चीन समझौते के बिल्कुल करीब आ चुका है। इसे मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 23 October 2024 at 22:03 IST