अपडेटेड 27 August 2025 at 23:24 IST
1.15 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ, मोदी कैबिनेट ने पीएम स्वनिधि योजना को मार्च 2030 तक बढ़ाने की दी मंजूरी
PM Svanidhi Scheme: सरकार ने कोविड-19 महामारी (कोरोना काल) के दौरान अभूतपूर्व कठिनाइयों का सामना करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों की सहायता के लिए 1 जून 2020 को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की थी। इस योजना की शुरुआत से ही यह रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वित्तीय सहायता से कहीं अधिक साबित हुई है।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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पीएम स्वनिधि योजना, PM Svanidhi Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज देश के रेहड़ी-पटरी वाले व्यापारियों के लिए खुशखबरी दी है। इसकी खास जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ट्विट करके दी है। उन्होंने बताया कि आज पीएम स्वनिधि योजना को 31 मार्च, 2030 तक बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। जी हां, मोदी कैबिनेट ने पीएम स्वनिधि योजना को मार्च 2030 तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट करके बताया, "देशभर के अपने रेहड़ी-पटरी वाले भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में आज पीएम स्वनिधि योजना को 31 मार्च, 2030 तक बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। मुझे विश्वास है कि यह उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाने में मददगार साबित होगा।"
1.15 करोड़ लाभार्थियों को लाभ देना लक्ष्य
मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना’ के पुनर्गठन और ऋण अवधि को 31 दिसंबर 2024 से आगे बढ़ाने को मंजूरी दी है। यह ऋण अवधि अब 31 मार्च, 2030 तक बढ़ा दी गई है। इस योजना का कुल खर्च 7,332 करोड़ रुपए है। पुनर्गठित योजना का लक्ष्य 50 लाख नए लाभार्थियों सहित 1.15 करोड़ लाभार्थियों को लाभ देना है।
इस योजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी, आवास एवं शहरी मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) पर संयुक्त रूप से रहेगी। इसमें डीएफएस की भूमिका, बैंकों/वित्तीय संस्थानों और उनके जमीनी स्तर के अधिकारियों के माध्यम से ऋण/क्रेडिट कार्ड तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने की रहेगी। पुनर्गठित योजना की प्रमुख विशेषताओं में पहली और दूसरी किस्त में बढ़ी हुई ऋण राशि, दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों के लिए यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड का प्रावधान और खुदरा एवं थोक लेनदेन के लिए डिजिटल कैशबैक प्रोत्साहन शामिल हैं। इस योजना का दायरा चरणबद्ध तरीके से जनगणना कस्बों व अर्ध-शहरी क्षेत्रों आदि बढ़ाया जा रहा है।
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10 नहीं अब 15 हजार और 20 नहीं अब 25 हजार रुपये मिलेगा लोन
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन्नत लोन संरचना में प्रथम किश्त के लोन को 15,000 रुपए (10,000 रुपए से) तक बढ़ाया गया है तथा द्वितीय किश्त के लोन को 25,000 रुपए (20,000 रुपए से) तक बढ़ाया गया है जबकि तृतीय किश्त पहले की तरह 50,000 रुपए पर है। यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत से स्ट्रीट वेंडरों को किसी भी आकस्मिक व्यावसायिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्काल लोन उपलब्ध हो सकेगा। इसके अलावा, डिजिटल प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए, स्ट्रीट वेंडर खुदरा और थोक लेनदेन करने पर 1,600 रुपए तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं।
कोरोना काल में सरकार ने शुरू की थी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना
सरकार ने कोविड-19 महामारी (कोरोना काल) के दौरान अभूतपूर्व कठिनाइयों का सामना करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों की सहायता के लिए 1 जून 2020 को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की थी। इस योजना की शुरुआत से ही यह रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वित्तीय सहायता से कहीं अधिक साबित हुई है और इसने उन्हें अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के लिए एक पहचान और औपचारिक मान्यता प्रदान की है।
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पीएम स्वनिधि योजना ने पहले ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। 30 जुलाई, 2025 तक, 68 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को 13,797 करोड़ रुपए के 96 लाख से ज्यादा लोन दिए जा चुके हैं। डिजिटल रूप से सक्रिय लगभग 47 लाख लाभार्थियों ने 6.09 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 557 करोड़ से ज्यादा डिजिटल लेनदेन किए हैं जिससे उन्हें कुल 241 करोड़ रुपए का कैशबैक मिला है। 'स्वनिधि से समृद्धि' पहल के तहत, 3,564 शहरी स्थानीय निकायों के 46 लाख लाभार्थियों का प्रोफाइल तैयार किया गया है जिसके परिणामस्वरूप 1.38 करोड़ से ज्यादा योजनाओं को मंजूरी दी गई है।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 27 August 2025 at 23:24 IST