अपडेटेड 30 March 2025 at 11:41 IST
क्या है कैच द रेन कैंपेन, कैसे कोई भी बन सकता है हिस्सा? मन की बात में पीएम मोदी ने किया जिक्र, बताया जन भागीदारी का अभियान
पीएम मोदी ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी Catch the Rain अभियान के लिए कमर कस ली गई है। ये अभियान भी सरकार का नहीं बल्कि समाज का है।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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Mann ki Baat: मन की बात कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया है। रेडियो कार्यक्रम के 120वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानी बचाने की पहल को दोहराया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर-शहर और गांव-गांव पानी बचाने की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं। अनेक राज्यों में वाटर हार्वेस्टिंग से जुड़े कामों ने जल संरक्षण से जुड़े कामों ने नई तेजी पकड़ी है। इसी बीच पीएम मोदी ने 'कैच द रेन' कैंपेन का जिक्र किया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलशक्ति मंत्रालय और अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं। देश में हजारों कृत्रिम तालाब, चेक डेम (Check Dam), बोरवेल रिचार्ज (Borewell Recharge), कम्युनिटी सोक पिट (Community Soak Pit) का निर्माण हो रहा है। हर साल की तरह इस बार भी 'कैच द रेन' (Catch the Rain) अभियान के लिए कमर कस ली गई है। ये अभियान भी सरकार का नहीं बल्कि समाज का है, जनता-जनार्दन का है।
पीएम मोदी ने गिनाए कुछ आंकड़े
पीएम मोदी ने बताया कि जल संरक्षण से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए जल संचय जन-भागीदारी अभियान भी चलाया जा रहा है। प्रयास यही है कि जो प्राकृतिक संसाधन हमें मिले हैं, उसे हमें अगली पीढ़ी तक सही सलामत पहुंचाना है। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बारिश की बूंदों को संरक्षित करके हम बहुत सारा पानी बर्बाद होने से बचा सकते हैं। पिछले कुछ सालों में इस अभियान के तहत देश के कई हिस्सों में जल संरक्षण के काम हुए हैं। पीएम मोदी ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि पिछले 7-8 साल में नए बने टैंक, तालाब और अन्य वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर से 11 बिलियन क्यूबिक मीटर, उससे भी ज्यादा पानी का संरक्षण हुआ है।
11 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी कितना होता है?
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाखड़ा नांगल बांध में जो पानी जमा होता है। ये पानी गोविंद सागर झील का निर्माण करता है। इस झील की लंबाई ही 90 किलोमीटर से ज्यादा है। इस झील में भी 9-10 बिलियन क्यूबिक मीटर से ज्यादा पानी संरक्षित नहीं हो सकता है। सिर्फ 9-10 बिलियन क्यूबिक मीटर और देशवासियों ने अपने छोटे-छोटे प्रयास से देश के अलग–अलग हिस्सों में 11 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी के संरक्षण का इंतजाम कर दिया है। ये शानदार प्रयास है।
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पीएम मोदी ने इस दौरान कर्नाटक के लोगों की एक पहल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटका के गडग जिले के लोगों ने मिसाल कायम की है। कुछ साल पहले यहां के दो गांव की झीलें पूरी तरह सूख गईं। एक समय ऐसा भी आया जब वहां पशुओं के पीने के लिए भी पानी नहीं बचा। धीरे-धीरे झील घास-फूस और झाड़ियों से भर गई, लेकिन गांव के कुछ लोगों ने झील को पुनर्जीवित करने का फैसला किया और काम में जुट गए। गांव के लोगों के प्रयास देखकर आसपास की सामाजिक संस्थाएं भी उनसे जुड़ गईं। सब लोगों ने मिलकर कचरा और कीचड़ साफ किया और कुछ समय बाद झील वाली जगह बिल्कुल साफ हो गई। अब लोगों को बारिश के मौसम का इंतजार है। वाकई ये कैच द रेन (Catch the Rain) अभियान का शानदार उदाहरण है।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 30 March 2025 at 11:41 IST