Updated February 7th, 2024 at 14:12 IST
पहले नीतीश ने दिया गच्चा, ममता-अखिलेश पर भी सस्पेंस; जयंत चौधरी छोड़ेंगे साथ तो INDI का क्या होगा?
INDI एलायंस बनने के साथ ही टूटने लगा। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हुआ गठजोड़ लगातार टूट रहा है। अफवाह RLD को लेकर भी जोरों पर है!
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INDI Alliance Rift: सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि छोटे चौधरी यानि RLD अध्यक्ष एनडीए में शामिल होने वाले हैं। ऐसा हुआ तो नीतीश कुमार के दिए सदमे से उबरने की कोशिश में जुटा विपक्षी खेमा खुद को समेट पाने में लगभग निष्फल हो जाएगा। क्यों सफल नहीं हो पाएगा इसके पीछे वजहें कई हैं!
अखिलेश यादव के साथ कदमताल करने वाले जयंत चौधरी आखिर क्यों साथ छोड़ अलग होने को तैयार हैं। सूत्र बताते हैं कि सीट शेयरिंग की फांस में मामला फंस कर रह गया है। 7 में से 5 पर रूख स्पष्ट है लेकिन 2 पर मामला अटक गया। यही सपा और आरएलडी के बीच दरार का कारण और जयंत का भाजपा की ओर बढ़ते रुझान का कारण बना है।
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डेंट तो नीतीश कुमार ने लगाया
नीतीश कुमार अरसे से विपक्षी खेमे से नाराज थे। अपनी अनदेखी और सवालों को अड्रेस सही से न कर पाने को लेकर संकेत देने शुरू कर दिए थे। ऊपर से राजद की प्रदेश में लगातार बढ़ती दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। सीट शेयरिंग को लेकर अनबन थी, नतीजतन झटके से दामन छुड़ा रास्ता अलग कर लिया।
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जून 2023 में पटना में ही CM के आधिकारिक बंगले पर I.N.D.I.A. के 27 दलों की पहली बैठक हुई, नीतीश की अगुवाई में! नीतीश को गठबंधन से PM पद की उम्मीदवारी का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन 27 जनवरी 2024 को उन्होंने पहला डेंट जोरदार लगाया।
झटके की शुरुआत दीदी से
सीट बंटवारे को लेकर ममता बनर्जी ने खुलकर विरोध सार्वजनिक जगहों पर किया। TMC प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले ने 24 जनवरी को अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया। नाराज मीडिया के सामने आईं और कहा क्षेत्रीय पार्टियों को अहमियत दी जानी चाहिए। कांग्रेस 10-12 सीट मांग रही थी और ममता 2 पर ही सहमत थीं।
'आप' भी नहीं रही पीछे
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बिगुल फूंका तो पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भी 2022 के रिजल्ट की ओर इशारा कर बहुत कुछ कह दिया। तो वहीं कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजे का हवाला दे रही है, जिसमें उसने 13 में से 8 सीट जीती थीं। वजहें और भी हैं। जैसे मान ने कुर्सी संभालते ही कांग्रेस विधायकों और नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों को लगा दिया था।
हाल ही में उद्धव ठाकरे का एक बयान आया। एकदम अपेक्षा के विपरीत। इन दिनों प्रधानमंत्री और भाजपा की चुन चुन कर बुराई करने वाले ठाकरे ने पीएम की तारीफ कर डाली।
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हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से भी समीकरण बदलेंगे
सियासी गुणा भाग पर नजर रखने वाले जानते हैं कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद इंडी गठबंधन के लिए राह आसान नहीं होगी। हेमंत से डील में दिक्कत नहीं थी लेकिन अब जब की सत्ता की चाभी किसी और के हाथ में है तो मुश्किल तो होगी ही। इसका अंदाजा सीता सोरेन और बसंत सोरेन इंसीडेंट से भी लगाया जा सकता है। जब हेमंत की पत्नी कल्पना को सीएम बनाने पर विचार विमर्श हो रहा था तो सोरेन फैमिली में घमासान मच गया। अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया और बात रिसॉर्ट पॉलिटिक्स तक पहुंच गई।
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कुल मिलाकर सीट शेयरिंग का पेंच अब झारखंड में भी फंस गया है।
उद्धव के भी बदले सुर
जयंत के पाला बदलने की खबर से पहले उद्धव ठाकरे ने कुछ ऐसा कहा जिससे अलांयस की सांसें फूलना तय है। उन्होंने पीएम की तारीफ की। 5 फरवरी को महाराष्ट्र के सिंधदुर्ग जिले में एक रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं मोदी जी को बताना चाहता हूं कि हम कभी भी आपके दुश्मन नहीं थे। आज भी हम दुश्मन नहीं हैं। हम आपके साथ थे। शिवसेना आपके साथ थी। हमने पिछली बार अपने गठबंधन के लिए प्रचार किया था। आप प्रधानमंत्री बने क्योंकि विनायक राऊत जैसे हमारे सांसद जीत कर आए। बाद में आपने हमें खुद से दूर कर दिया।'
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Published February 7th, 2024 at 14:12 IST
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