अपडेटेड 9 April 2023 at 15:00 IST

ये है वो जगह जहां रावण ने काटे थे जटायु के पंख, यहीं बन रहा World Largest Bird Statue

केरल के कोल्लम में Jatayu Nature Park बहुत प्रसिद्ध है। दुनिया भर से लोग यहां पर्यटन के लिए आते हैं। इस जगह का रामायण से खास कनेक्शन है।

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World's Largest Bird Statue: भारत का संस्कृति से बहुत गहरा नाता है। भारत के पास एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत है। इसी वजह से भारत में कई जगहों (tourist places) का ऐतिहासिक महत्व है। यहां प्राचीन मंदिर, किले और महल जैसे कई स्थान हैं, जो हमारे इतिहास के प्रमाण हैं। इसके लिए कई पर्यटन स्थल प्रसिद्ध हैं। भारत में एक ऐसा पार्क है, जहां दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी की प्रतिमा है। यह पार्क केरल में है, इसका रामायण (Ramayana) से भी विशेष संबंध है।

केरल के कोल्लम में जटायु नेचर पार्क (Jatayu Nature Park) बहुत प्रसिद्ध है। दुनिया भर से लोग यहां पर्यटन के लिए आते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इसका रामायण से खास कनेक्शन है। रामायण, महाभारत से जुड़े आज भी कई स्थान प्रसिद्ध हैं। रामायण के अहम किरदार जटायु को सभी जानते हैं, जब रावण सीता का अपहरण कर लेकर जा रहा था, जटायु ने यहीं सीता को बचाने का प्रयास किया था। रावण ने जटायु के पंख काटकर घायल कर दिया था। जटायु पार्क की स्थापना उसी स्थान पर की गई है, जहां रावण ने इस जटायु दल के पंख काटे थे। बता दें कि ये पार्क 400 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है।

150 फीट चौड़ी, 70 फीट ऊंची जटायु पक्ष की मूर्ति

केरल के कोल्लम में जटायु नेचर पार्क (famous tourist destination) एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इस पार्क को बनने में 10 साल का समय लगा है। इसमें जटायु पक्ष की मूर्ति 150 फुट चौड़ी, 70 फुट ऊंची और 200 फुट लंबी है। यह जटायु पार्टी मूर्ति भारत की सबसे बड़ी मूर्तियों में से (largest statues in India) एक है और दुनिया में सबसे बड़ी पार्टी मूर्ति है। यह पार्क कुल 30 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह क्षेत्र इतना बड़ा है कि इस जगह में लगभग 14 टेनिस कोर्ट मिल सकते हैं।

यहीं पर जटायु दल ने अंतिम सांस ली

किंवदंती के अनुसार, स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि रावण द्वारा जटायु पक्षी के पंख काट दिए जाने के बाद वह चदयामंगलम में एक पहाड़ की चोटी पर उतरा था। उन्होंने सीता की रक्षा के लिए रावण से वीरतापूर्वक युद्ध किया, लेकिन वृद्धावस्था के कारण रावण ने जटायु को परास्त कर दिया। इसके बाद जटायु ने भगवान राम को अपहरण की जानकारी दी। फिर वह पहाड़ी जिस पर जटायु दल ने अंतिम सांस ली। कहा जाता है कि यह मूर्ति वहीं स्थापित की गई थी।

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मूर्ति बनाने में आई काफी दिक्कतें 

इस पार्क की परिकल्पना प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, मूर्तिकार और गुरुचंद्रिका बिल्डर्स एंड प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव आंचल ने की है। इस शानदार पार्क की परियोजना और आकर्षक पक्षी मूर्तिकला बनाने की अवधारणा उन्हीं की थी। इस मूर्ति को बनाने में सात साल का समय लगा है। यह कंक्रीट की मूर्ति पत्थर की फिनिशिंग से बनी है। इस मूर्ति को बनाने में कई मुश्किलें आईं क्योंकि इसके लिए जरूरी सभी सामग्री को 400 फीट ऊंची पहाड़ी पर ले जाना पड़ा। सारा सामान ऊपर ले जाने में काफी परेशानी हो रही थी। इसके अलावा इस मूर्ति के अंदर एक 3डी डिजिटल म्यूजियम भी बनाया गया है, जिसमें रामायण के बारे में जानकारी दी गई है।

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Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 9 April 2023 at 14:54 IST