अपडेटेड 5 February 2023 at 14:53 IST

Waste Parali : पराली को जलाने की बजाय अन्य क्या उपयोग कर सकते हैं? जानकर हो जाएंगे हैरान

Parali News : पराली जलाने से वातावरण में फैलता है प्रदूषण और यही पराली से आप सजा सकते हैं अपना घर, जानिए कैसे

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Waste Parali News: 90 के दशक के अंत तक पराली कोई समस्या नहीं थी क्योंकि फसल कटाई में किसान तने से फसल काटते थे, लेकिन अब कटाई मशीनों के साथ कटाई के बाद 2 फीट का तना बचा रह जाता है जिसे पराली कहते हैं। किसान इसी पराली को जलाते हैं जिसके कारण आसपास के जगहों में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। पराली जलाए जाने पर कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है, जिसके परिणामस्वरूप वायु प्रदूषण होता है। इसका बूरा असर मानवीय जीवन पर पड़ता है। 

अपने इस लेख में हम आपको पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारों में भी बताएंगे, लेकिन सबसे पहले आपको बताते हैं उस खबर के बारें में जिसे सुनकर आपको हैरानी होगी और आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे, जिस पराली के जलने से वातावरण प्रदुषित हो जाता है, उसी पराली से वातावरण को सुंदर भी बनाया जा सकता है। 

(IMAGE: PTI)

खबर है छत्तीसगढ़ से जो अपनी खास कला के लिए बेहद प्रसिद्ध है, उस कला का नाम है पैरा आर्ट, जिसमें धान के खोल (पराली) से पेंटिंग बनाई जाती है। इस कला को अंजाम देने वाली उषा वर्मा जो जांजगीर चाम्पा जिले की रहने वाली है। जानकारी के लिए बता दें कि जांजगीर-चांपा. पंजाब, हरियाणा और यूपी जैसे राज्यों में पराली जलाने की समस्या सबसे ज्यादा है, जहां पर बड़े पैमाने पर पराली जलाने से प्रदूषण फैलता है। 

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वेस्ट पराली से बनाई जा रही पेंटिग

छत्तीसगढ़ में वेस्ट पराली को जलाने की बजाय इसका उपयोग इनोवेशन और क्रिएशन में किया जा रहा है।जांजगीर-चांपा जिले की उषा वर्मा ने वेस्ट पराली का उपयोग करके कई तरह की पेटिंग और सजावटी सामान बनाने का काम शुरू किया है। उषा की पेंटिग की डिमांड विदेशों में रहने वाले लोग भी कर रहे हैं।

पराली से पेंटिग बनाना फ्री में सीखें

अपनी कला को एक नाम दे चूकी उषा अब इस कला का विस्तार करना चाहती है, जिसके लिए वो इस कला को फ्री में सिखाने पर विचार कर रही है। एक साल पहले ही उषा ने पैरा आर्ट पर काम शुरू किया था और उनकी चर्चा विदेशों में भी हो रही है। खबरों के अनुसार उषा ने पैरा आर्ट की ट्रेनिंग रायगढ़ से ली थी और अब पति और बच्चे भी इस कला में उषा का साथ देते हैं। पैरा आर्ट से बनाए कलाकृतियों की कीमत 500 से लेकर 1000 रुपये तक बताई जा रही है। 

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पराली जलाने से होने वाले नुकसान

पराली जलाने से त्वचा और आंखों में जलन हो सकती है, साथ ही अस्थमा, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों की क्षमता में कमी, वातस्फीति और कैंसर जैसे गंभीर न्यूरोलॉजिकल, कार्डियोवैस्कुलर और श्वसन संबंधी विकार हो सकते हैं।

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Published By : Rashmi Agarwal

पब्लिश्ड 5 February 2023 at 14:49 IST