अपडेटेड 10 February 2023 at 15:14 IST

Kumar Vishwas का Birthday आज, जानिए बीटेक छोड़कर कैसे बन गए साहित्यिक कवि

‘कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है’ के कवि Kumar Vishwas का बर्थडे आज

PC : Republic
PC : Republic | Image: self

Happy Birthday Kumar Viswas: एक ऐसी कविता (Poetry) जिसे सुनकर दीवानों के दिल धड़क उठते हैं और लोग अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाने में सक्षम हो जाते हैं, इतना ही नहीं जब मंच पर यह कविता गाई जाती है, तो बड़े से बड़े स्टेडियम में लोगों की आवाज इस कविता से गूंज उठती है। शायद इसलिए यह कविता इतनी खास है क्योंकि हजारों लोग जब एक साथ इस कविता को गुनगुनाते हैं तो रोंगटे खड़े कर देने वाला माहौल बन जाता है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं आपकी पसंदीदा कविता "कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है... मगर धरती की बेचैनी तो बस बादल समझता है, मैं तुझसे दूर कैसा हूं, तू मुझसे दूर कैसी है ! ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है। 

आज है कुमार विश्वास का जन्मदिन

आज इस इस कविता का जिक्र इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि इस कविता को लिखने वाले कवि का आज जन्मदिन है। अब तो आप समझ ही गए होंगे की यहां किसकी बात की जा रही है। बिल्कुल ठीक समझा, हम बात कर रहे हैं कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) की। 

Advertisement

लोकप्रिय कवि हैं कुमार विश्वास

कुमार विश्वास सबसे लोकप्रिय मंचीय कवि में से एक हैं, क्योंकि जिस तरह वह कविता लिखकर खुद मंच पर गुनगुनाते हैं उस तरह शायद ही कोई और कवि कर पाते हैं। जनता कुमार विश्वास को मंच पर देखकर उत्साहित हो उठती है, क्योंकि जितना अच्छा कुमार विश्वास कविता लिखते हैं, उससे कई गुना खूबसूरती से मंच पर उस कविता को कहते भी हैं।

Advertisement

विदेशों में भी हैं कुमार की कविताओं की धूम

कुमार विश्वास ने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में हिन्दी साहित्य (Hindi literature) का नाम बढ़ाया है। भारत के बाहर विदेशों में भी उनकी कविता सुनने के लिए जनता में गजब का उत्साह देखने को मिलता है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी लोकप्रियता कितनी ज्यादा है। 

बीटेक छोड़कर कैसे बन गए साहित्यिक कवि

कुमार विश्वास के पिता चाहते थे कि वह इंजीनियरिंग (B.Tech) की पढ़ाई करके जीवन में आगे बढ़े, लेकिन कुमार विश्वास कुछ अलग ही करना चाहते थे और इंजीनियरिंग की पढ़ाई आगे नहीं पढ़ना चाहते थे। दरअसल, कुमार विश्वास के पिता को पसंद नहीं था कि बेटा कविता पाठ में जाए, इसलिए जब भी कुमार विश्वास सम्मेलन से रात को घर लौटा करते थे, तो उनके पिताजी उनपर गुस्सा किया करते थे, यहां तक गुस्से में एक बार कुमार विश्वास के पिता ने उन्हें कहा- हां हां इनके लिए हलवा बनाओ, सीमा पर लड़ाई जो लड़कर आए हैं।

हिन्दी साहित्य में मिला था गोल्ड मेडल

पिता के ऐसे कटु वचन सुनकर कुमार विश्वास को बहुत तकलीफ हुई और उन्होंने ठान लिया कि एक दिन जरूर वह अपने पिता का नाम रोशन करेंगे वो भी इसी दिशा में आगे बढ़कर। जिसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी बीच में छोड़ दी और हिंदी साहित्य में 'Gold Medal' के साथ डिग्री ली। एम.ए. करने के बाद उन्होंने लोकचेतना विषय पर पी.एच.डी. भी कर डाली। इसके बाद 1994 में राजस्थान के डिग्री कॉलेज में वह प्रवक्ता बने और फिर वह कभी नहीं रुके। उनकी सबसे मशहूर 'कोई दीवाना कहता है' किताब 2007 में प्रकाशित हुई थी। जिससे उनकी उड़ान और बढ़ती गई और उन्होंने दुनियाभर में अपना नाम बना लिया।

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 10 February 2023 at 15:02 IST