अपडेटेड 8 December 2024 at 18:54 IST
Mahakumbh 2025: अवधी थाली, तंदूरी चाय... महाकुंभ की शोभा बढ़ाएंगे ये पारंपरिक व्यंजन, देखें List
Mahakumbh 2025 की तैयारियां जोरो शोर से चल रही हैं। देश और दुनिया भर में जाने जाने वाले इस कुंभ की शोभा में कुछ पारंपरिक व्यंजन चार चांद लगाएंगे। देखें लिस्ट...
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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Traditional dishes in Mahakumbh 2025: हर 12 साल में एक बार लगने वाला महाकुंभ (Mahakumbh) का मेला (Mela) एक धार्मिक मेला है, जिसकी तुलना पूरी दुनिया में किसी से भी नहीं की जा सकती है। यह चार नदियों गंगा (Ganga), यमुना (Yamuna), गोदावरी (Godavari) और शिप्रा (Shipra) के तट पर आयोजित किया जाता है। इस बार यह मेला साल 2025 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संगम नगरी यानी प्रयागराज (Prayagraj) में आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालू इक्ट्ठा होते हैं और गंगा स्नान करते हैं। महाकुंभ का मेला (Mahakumbh 2025) न सिर्फ अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है बल्कि यहां मिलने वाली पारंपरिक खाने की चीजें भी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं।
दरअसल, कुंभ मेले (Kumbh Mela) में मिलने वाले व्यंजन न सिर्फ लोगों की भूख को शांत करते हैं, बल्कि यहां मिलने वाली चीजें अलग-अलग संस्कृति को भी उजागर करती हैं। ऐसे में इस साल महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के मौके पर अवधी थाली (Awadhi Thali) से लेकर तंदूरी चाय तक कई पारंपरिक डिशेज (Traditional Dishes) मेले में मिलने वाली हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी डिशेज आपको महाकुंभ (Mahakumbh) के मेले में अपनी तरफ आकर्षित करने वाली हैं।
महाकुंभ 2025 में ये पारंपरिक व्यंजन बढ़ाएंगे आपकी भूख
कंदमूल (Kandmool)
महाकुंभ (MahaKumbh 2025) के मेले में कंदमूल (Kandmool) से बने अनोखे व्यंजनों को परोसा जाएगा। यह एक भूरे रंग का फल होता है, जिसका गूदा नारियल के जूस के जैसा होता है। वहीं अगर इसके इतिहास की बात करें, तो यह रामायण (Ramayana) काल से मिलता है। कहते हैं कि जब भगवान राम (Shri Raam) ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास में थे तब उन्होंने कंदमूल नाम का फल खाया था।
लिट्टी चोखा (Litti Chokha)
बिहार (Bihar) और पूर्वी उत्तर प्रदेश (UP) के फेमस लिट्टी चोखे का स्वाद भी कुंभ मेले (Kumbh Mela) में चखने को मिलेगा। यह गेंहू के आटे और सत्तू के साथ बनाया जाता है, जिसे आलू-बैगन के चोखे के साथ खाया जाता है।
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तंदूरी चाय (Tandoori Chay)
प्रयागराज (Prayagraj) में आयोजित 2025 के महाकुंभ मेले (MahaKumbh Mela) में जहां अलग-अलग तरह के फूड स्टॉल्स लग रहे हैं, वहीं इसमें हर भारतीय की पसंद तंदूरी चाय (Tandoori Chay) का भी लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। इस चाय को मिट्टी के बर्तन में बनाकर तंदूर में पकाया जाता है। इसकी सुगंध और स्वाद नॉर्मल चाय से बहुत अलग होती है, जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
अवधि थाली (Awadhi Thali)
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संगम नगरी यानी प्रयागराज (Prayagraj) में आयोजित महाकुंभ 2025 में अवधी थाली का स्वाद भी चखने को मिलेगा। इसमें खस्ता कचौड़ी, दाल और सब्जी, तंदूरी रोटी, चावल और अवधी मिठाइयां जैसे, गुलाब जामुन, शाही टुकड़ा, सेवई जैसी कई मिठाइयां शामिल हैं।
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महाकुंभ में होगा लंगर का आयोजन
वहीं इन सब फूड स्टॉल के अलावा महाकुंभ के मेले में जगह-जगह लंगर का आयोजन भी किया जाएगा। इस लंगर में सात्विक भोजन जैसे- दाल, चावल, पूरी, सब्जी और छोले या राजमा जैसी चीजें शामिल होंगी।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 8 December 2024 at 18:54 IST