अपडेटेड 13 March 2025 at 09:59 IST
World Kidney Day 2025: वर्ल्ड किडनी डे पर जानिए किडनी से जुड़ी इन बीमारियों के बारे में, कहीं आपको भी तो नहीं है ये समस्या!
Kidney related diseases: वर्ल्ड किडनी डे (World Kidney Day 2025) के मौके पर आपको किडनी से जुड़ी कुछ बीमारियों के बारे में जान लेना चाहिए।
- लाइफस्टाइल न्यूज़
- 3 min read

World Kidney Day 2025: गुरुवार को दुनियाभर वर्ल्ड किडनी डे (World Kidney Day) मनाया जा रहा है। ये दिन हर साल 13 मार्च को सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन किडनी से जुड़ी बीमारियों को लेकर कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम होते हैं जिनमें किडनी से रिलेटेड बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है।
ऐसे में हम इस आर्टिकल में आपको किडनी से जुड़ी कुछ बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आपको भी इनमें से कोई बीमारी या समस्या है तो आपको फौरन किसी डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। दरअसल, हमारे शरीर में कई सारे ऑर्गन होते हैं जो शरीर को हेल्दी रखने और सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं। जिनमें से एक जरूरी ऑर्गन किडनी भी है। यही वजह है कि सेहतमंद रहने के लिए किडनी का हेल्दी रहना बहुत जरूरी है। ऐसे में चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं किडनी से जुड़ी बीमारियों के बारे में।
किडनी से जुड़ी बीमारी (Kidney related diseases)
किडनी स्टोन (Kidney Stones)
किडनी स्टोन तब बनते हैं जब शरीर में कैल्शियम, ऑक्सेलेट या यूरिक एसिड जैसी चीजें एकत्रित हो जाती हैं। यह किडनी के अंदर ठोस पत्थरों के रूप में बदल जाती हैं और दर्दनाक हो सकती हैं।
Advertisement
किडनी फेलियर (Kidney Failure)
किडनी फेलियर तब होता है जब किडनियां अपने कार्य को सही तरीके से नहीं कर पातीं। इसके कारण शरीर से विषाक्त पदार्थ और अतिरिक्त तरल पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
Advertisement
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis)
यह किडनी की सूजन होती है, जो किडनी के फिल्टरिंग सिस्टम (ग्लोमेरुली) को नुकसान पहुंचाती है। यह संक्रमण, ऑटोइम्यून विकार या अन्य बीमारियों के कारण हो सकता है।
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (Polycystic Kidney Disease)
यह एक आनुवंशिक स्थिति है जिसमें किडनी में कई सिस्ट (पानी से भरी थैली) विकसित हो जाती हैं, जो समय के साथ किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
हाइपरटेंशन और किडनी डिजीज (Hypertension and Kidney Disease)
हाई ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और किडनी डिजीज का कारण बन सकता है। जब किडनियां ठीक से काम नहीं करतीं, तो इससे और भी अधिक रक्तचाप बढ़ सकता है।
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy)
यह एक प्रकार की किडनी की बीमारी है जो डायबिटीज के कारण होती है। लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा के स्तर के कारण किडनी के फिल्टरिंग सिस्टम को नुकसान पहुंचता है।
नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic Syndrome)
यह एक किडनी डिसॉर्डर है जिसमें शरीर में प्रोटीन का अधिक मात्रा में नुकसान होता है। इससे शरीर में सूजन (एडीमा), उच्च कोलेस्ट्रॉल और रक्त में प्रोटीन की कमी हो सकती है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection - UTI)
UTI किडनी सहित मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से में संक्रमण हो सकता है। अगर यह इंफेक्शन किडनी तक पहुंच जाता है, तो यह किडनी के संक्रमण में बदल सकता है, जिसे पायलोनफ्राइटिस कहते हैं।
पायलोनफ्राइटिस (Pyelonephritis)
यह एक किडनी संक्रमण है, जो आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है। यह किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
एनेमिया (Anemia)
किडनी की बीमारी के कारण शरीर में एरिथ्रोपोइटिन (Erythropoietin) का उत्पादन कम हो सकता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है। इससे एनेमिया हो सकता है, जो शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति को प्रभावित करता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 13 March 2025 at 09:59 IST