अपडेटेड 29 September 2024 at 11:13 IST
World Heart day: साइलेंट हार्ट अटैक कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक, डॉक्टर से जानें महिलाओं में लक्षण
World Heart day 2024 Silent Heart Attack Signs: महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं, जानते हैं इस लेख के माध्यम से...
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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World Heart day 2024: हृदय रोग महिलाओं की एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यह धारणा गलत है कि हृदय रोग का शिकार केवल पुरुष होते हैं। हृदय रोग विश्व में महिलाओं की मौतों के मुख्य कारणों में से एक है। इसकी वजह से हर साल कैंसर के मुकाबले ज्यादा महिलाओं की जान इस रोग के कारण चली जाती है। इस चिंताजनक स्थिति के बाद भी महिलाओं में हृदय रोग का निदान और इलाज कई कारणों से छूट जाता है। महिलाओं को साइलेंट हार्ट अटैक होने की संभावना पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है। यह कोरोनरी आर्टरीज में प्लाक जमा हो जाने के कारण पड़ता है, जबकि आम तौर पर साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षणों को तनाव या चिंता से जोड़ने की गलती हो जाती है। ऐसे में इसके लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) के लक्षण क्या हैं। बता दें कि ये लेख डॉ. तन्मय यरमल (जैन), सलाहकार - कार्डियोलॉजी, मणिपाल अस्पताल से बात करके बनाया है। पढ़ते हैं आगे…
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण
महिलाओं में हृदय रोग के इलाज में सबसे बड़ी बाधा इसकी मौन और जटिल प्रकृति है। महिलाओं और पुरुषों में हृदय रोग के लक्षण बिल्कुल अलग हो सकते हैं, जिसके कारण इसके गलत निदान की संभावना बढ़ जाती है। जहां पुरुषों को आमतौर पर सीने में दर्द महसूस होता है, वहीं महिलाओं को मतली, थकान, सांस फूलने, या जबड़े और पीठ में परेशानी भी महसूस हो सकती है। लक्षणों के अस्पष्ट होने के कारण उचित इलाज में विलंब हो सकता है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है।
महिलाओं के हृदय रोग एवं चिंताजनक स्थितियां
महिलाओं में हार्मोन के परिवर्तन से हृदय का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। मेनोपॉज से पहले एस्ट्रोजन हार्मोन हृदय की रक्षा करता है, लेकिन मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन कम हो जाने से हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है। मेनोपॉज़ के बाद रक्तचाप, डायबिटीज़ और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना होती है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम भी ज्यादा हो जाता है।
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महिलाओं की अस्वस्थ जीवनशैली
चाहे महिलाएं हों या पुरुष, हृदय रोग में जीवनशैली की एक अहम भूमिका होती है। महिलाओं को अपनी विशेष जीवनशैली के कारण जोखिम ज्यादा होता है। हृदय रोग की संभावना ज्यादा तनाव, खराब आहार, धूम्रपान और गतिहीन जीवनशैली के कारण बढ़ जाती है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) और गर्भावस्था की समस्याएं, जैसे प्रीक्लेम्पसिया और गर्भकालीन डायबिटीज़ भी इसके जोखिम को बढ़ाती हैं।
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 29 September 2024 at 11:13 IST