अपडेटेड 17 October 2021 at 15:35 IST

गर्म दूध पीने से क्यों आती है अच्छी नींद? नई स्टडी में हुआ खुलासा

रात को अक्सर लोग एक ग्लास गर्म दूध (glass of warm milk) पीकर सोते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से नींद जल्दी आती है।

| Image: self

रात को अक्सर लोग एक ग्लास गर्म दूध (glass of warm milk) पीकर सोते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से नींद (sleep) जल्दी आती है। हाालंकि, क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों (warm milk for sleep) होता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में इसके पीछे के कारण का खुलासा हुआ है। भले ही, ट्रिप्टोफैन (जो एक एमिनो एसिड है) को इसका क्रेडिट दिया जाता रहा हो, लेकिन फिर भी रिसर्चर्स ने दूध पेप्टाइड्स (milk peptides) के कॉम्बीनेशन की पहचान की है जिसे Casein Tryptic Hydrolysate (CTH) के रूप में जाना जाता है। ये तनाव को कम करता है और नींद (benefits of drinking warm milk) में सुधार करता है। बता दें कि ये स्टडी अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (American Chemical Society) के जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित हुई है।

रिसर्चर्स को CTH में कुछ विशेष पेप्टाइड्स का पता चला है जिन्हें एक दिन वैकल्पिक प्राकृतिक नींद उपचार (natural sleep treatment) के रूप में शामिल किया जा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने खुलासा किया कि एक तिहाई अमेरिकी लोगों को ज्यादा नींद नहीं आती है। अनिद्रा (insomnia) के लिए अक्सर benzodiazepines और zolpidem दिए जाते हैं लेकिन इनके नेगेटिव असर भी होते हैं और इनकी लत लग जाती है। 

रिसर्च में क्या निकला?

वैज्ञानिकों ने पाया है कि कई प्राकृतिक पेप्टाइड्स गाबा रिसेप्टर से जुड़ जाते हैं और चिंता-विरोधी और नींद पैदा करने वाले गुण पैदा करते हैं। उन्होंने बताया कि कैसिइन (गाय के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन) को पाचक एंजाइम ट्रिप्सिन के साथ मिलाने से नींद लाने वाले पेप्टाइड्स और CTH का संयोजन होता है। इस संयोजन में एक विशेष पेप्टाइड a-casozepine (a-CZP) निकलता है जो इन प्रभावों के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

इसके अलावा, लिन झेंग, मौमिंग झाओ और उनके सहयोगी यह देखना चाहते थे कि क्या उन्हें CTH में किसी और नींद बढ़ाने वाले पेप्टाइड्स का पता चलेगा। उन्होंने टेस्ट के लिए, शुरू में एक चूहे में CTH और a-CZP के प्रभावों का मूल्यांकन किया था जिससे पता चला कि CTH में स्वतंत्र रूप से a-CZP की तुलना में अधिक नींद बढ़ाने वाली विशेषताएं थीं। इस डेटा से पता चला कि CTH में a-CZP के अलावा नींद को बढ़ावा देने वाले अन्य पेप्टाइड्स भी होते हैं।

रिसर्चर्स ने बायोएक्टिव पेप्टाइड्स का पता लगाने के लिए मास स्पेक्ट्रोमेट्री का इस्तेमाल किया जो कि सिम्युलेटेड पेट पाचन के दौरान CTH से पैदा होते हैं। फिर उन्होंने इन पेप्टाइड्स को गाबा रिसेप्टर के साथ जोड़ने और रक्त-मस्तिष्क बाधा क्रॉसिंग के लिए वर्चुअल-स्क्रीन किया।

Advertisement

इसके अलावा, जब चूहों में सबसे मजबूत संभावनाओं की जांच की गई तो YPVEPF (पेप्टाइड्स) ने कंट्रोल ग्रुप की तुलना में चूहों की संख्या में तेजी से लगभग 25% और नींद की अवधि में 400% से अधिक की वृद्धि की। 

ये भी पढ़ेंः JKPSC 2021 Update: 173 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर आवेदन करने की समय सीमा बढ़ी आगे, अब 21 अक्टूबर तक करें अप्लाई

Advertisement

Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 17 October 2021 at 15:30 IST