Published 19:16 IST, September 18th 2024
हफ्ते में कितने दिन रखना चाहिए व्रत? फास्ट का सेहत पर कैसा पड़ता है असर
How many days in a week fast: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और व्रत करना बहुत ही शुभ माना गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हफ्ते में कितने दिन व्रत रखना चाहिए?
How many times okay to fast in a week: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के साथ-साथ व्रत (Vrat) रखना भी बहुत ही शुभ माना गया है। वहीं हफ्ते का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को भी समर्पित किया गया है। साथ ही सनातन धर्म में कई सारे ऐसे धार्मिक त्योहार भी आते हैं, जिसपर व्रत (Vrat) रखने का विधान है। हालांकि आप उपवास चाहे धार्मिक कारणों से करें या फिर लाइफस्टाइल (Lifestyle) के ऑप्शन के रूप में, दोनों ही स्थिति में इसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि हफ्ते में कितने दिन व्रत रखना चाहिए और इसका सेहत (Health) पर कैसा असर पड़ता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक व्रत रखना सेहत (VRat For Health) के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर को कई तरह की समस्याओं से बचाया जा सकता है। दरअसल, व्रत रखने से कैलोरीज इन्टेक कम हो जाता है और शरीर में एक्स्ट्री चर्बी नहीं जमती है। ऐसे में व्रत रखने के आध्यात्मिक फायदों के साथ-साथ सेहत को भी लाभ पहुंचता है। तो चलिए जानते हैं कि हफ्ते में कितने दिन व्रत (Vrat) रखना चाहिए और इससे सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।
हफ्ते में कितने दिन व्रत रखना चाहिए? (Week Me Kitne Din Vrat Rakhe)
वैसे तो हफ्ते में व्रत रखने की संख्या व्यक्ति की सेहत, व्यक्तिगत विश्वास और लाइफस्टाइल (Lifestyle) पर निर्भर करता है। आमतौर पर लोग हफ्ते में एक या दो दिन व्रत रखते हैं। कुछ लोग धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर सोमवार, गुरुवार या अन्य किसी विशेष दिन व्रत रखते हैं। हालांकि अगर डाइटीशियन (dietitian) की मानें तो हफ्ते में एक दिन का व्रत रखना सेहत के लिए काफी होगा और कई फायदे भी होंगे।
हफ्ते में एक दिन व्रत रखने से सेहत को होते हैं ये फायदे (Vrat Ke Fayde)
शारीरिक डिटॉक्सिफिकेशन (physical detoxification)
व्रत रखने से शरीर में जमा विषैले पदार्थ बाहर निकलाने में मदद मिलती है। इससे नेचुरल तरीके से शारीरिक डिटॉक्सिफिकेशन होता है।
पाचन स्वास्थ्य (digestive Health)
व्रत रखने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं। ऐसे में अगर किसी को कब्ज, गैस या अपच जैसी परेशानियां हों, उन्हें हफ्ते में एक दिन का उपवास जरूर करना चाहिए।
वजन कंट्रोल (weight control)
व्रत रखने से कैलोरी का सेवन कम होता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिल सकती है। अगर किसी व्यक्ति का वजन बढ़ गया है, तो उसे हफ्ते में एक दिन का उपवास रखना शुरू कर देना चाहिए।
मेंटल क्लियरिटी (mental clarity)
व्रत रखने से मानसिक स्पष्टता यानी मेंटल क्लियरिटी बढ़ती है और ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है। ऐसे में व्रत ना सिर्फ सेहत बल्कि मानसिक हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
इम्यून सिस्टम मजबूत (immune system strong)
उचित व्रत और सही तरीके से भोजन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। आमतौर पर व्रत में फल और पौष्टिक चीजों का सेवन किया जाता है। ऐसे में यह चीजें इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करते हैं।
इमोशनल बैलेंस (emotional balance)
व्रत रखने से आत्म-नियंत्रण में सुधार होता है, जिससे व्यक्ति मानसिक तनाव को बेहतर तरीके से संभाल पाता है।
उच्च ऊर्जा स्तर (high energy level)
व्रत के दौरान, ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता है, क्योंकि शरीर अन्य पोषक तत्वों को काबू में रखता है। हालांकि, व्रत तब ही करना चाहिए जब शारीरिक स्थिति सही हो और किसी मौजूदा स्वास्थ्य समस्या का ध्यान रखा जाए। सतर्क रहना और संतुलित आहार रखना आवश्यक है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Updated 19:20 IST, September 18th 2024