अपडेटेड 11 June 2025 at 18:19 IST

Uric Acid: यूरिक एसिड बढ़ने से हैं परेशान? बिना खर्च इन 3 पत्ते को चबाने से तुरंत होगा फायदा

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में कुछ खास पत्ते बेहद असरदार हैं। जानें इन पत्तों के फायदे और इस्तेमाल का सही तरीका।

paan ka patta for uric acid
यूरिक एसिड | Image: Freepik

यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक वेस्ट प्रोडक्ट है, जो आमतौर पर पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है। लेकिन जब शरीर में प्यूरीन ज्यादा बनने लगता है या किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो यह जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जम जाता है। इससे जोड़ों में सूजन, तेज दर्द और गाउट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

आयुर्वेद में कहा गया है कि प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और पत्तों में हर रोग का समाधान छिपा है। यूरिक एसिड को कम करने के लिए गिलोय, नीम और पान के पत्तों को बेहद असरदार माना गया है।

1. गिलोय के पत्ते : रोग प्रतिरोधक और डिटॉक्सिफायर 

गिलोय को आयुर्वेद में ‘अमृता’ कहा गया है। इसके पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए 5-6 पत्तों को 2 गिलास पानी में उबालें और जब यह आधा रह जाए तो छानकर सुबह और शाम को पिएं। इससे शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, सूजन घटती है और जोड़ों में जमा क्रिस्टल धीरे-धीरे गलने लगते हैं।

2. नीम के पत्ते : सूजन और संक्रमण से राहत

नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर को अंदर से शुद्ध करते हैं। रोज सुबह 8-10 नीम की पत्तियों को पीसकर एक गिलास गुनगुने पानी के साथ लें। इससे किडनी बेहतर काम करती है और यूरिक एसिड नियंत्रित रहता है।

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3. पान के पत्ते : मेटाबॉलिज्म और किडनी को मजबूती

पान के पत्तों में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर की चयापचय क्रिया को बेहतर बनाते हैं। रात में 1- 2 पान के पत्ते एक गिलास पानी में भिगोकर रखें और सुबह उस पानी को पी लें। यह लिवर और किडनी की सफाई में सहायक होता है। अगर आप यूरिक एसिड से परेशान हैं, तो इन तीन पत्तों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। 

(ध्यान दें: यह लेख सिर्फ अलग-अलग सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी उपचार से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 11 June 2025 at 17:51 IST