अपडेटेड 19 May 2023 at 17:04 IST
Health News: ब्रेन कैंसर का आसान हुआ इलाज, भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी रामबाण दवा
भारतीय वैज्ञानिक ने पता लगाया कि ब्रेन से जुड़े विकार के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा ट्यूमर कोशिकाओं की अति सक्रियता को कम करने और उनकी वृद्धि को रोकने में भी प्रभावी है।
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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Health News: कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सैन फ्रांसिस्को मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि कैंसर कोशिकाएं मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं के संपर्क में आकर अति सक्रिय हो जाती है तथा इससे मरीज को तेजी से संज्ञानात्मक नुकसान होता है। कभी कभी तो उसकी मौत भी हो जाती है। इस अध्ययन से कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर के इलाज में बड़ा बदलाव आ सकता है।
भारतीय वैज्ञानिक सरिता कृष्णा की अगुवाई वाले दल ने यह भी पता लगाया कि मस्तिष्क से जुड़े विकार के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा ट्यूमर कोशिकाओं की अति सक्रियता को कम करने और उनकी वृद्धि को रोकने में भी प्रभावी है। यह अध्ययन विज्ञान पत्रिका ‘‘नेचर’’ के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है।
ग्लियोब्लास्टोमा मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है नई खोज
वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं और कैंसरयुक्त कोशिकाओं के बीच संपर्क को ट्यूमर की वृद्धि रोकने तथा उसे कम करने के लिए बदला जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि ये नतीजे ग्लियोब्लास्टोमा से पीड़ित मरीजों के लिए अधिक फायदेमंद है जिसे वयस्कों में होने वाले ब्रेन कैंसर का सबसे घातक प्रकार माना जाता है।
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केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली कृष्णा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि ये अप्रत्याशित नतीजे दिखाते हैं कि जानलेवा कैंसर कोशिकाएं मस्तिष्क के आसपास के ऊतकों की संरचना में ऐसा बदलाव कर सकती हैं जिससे वे अति सक्रिय हो जाते हैं। इससे मरीज को संज्ञानात्मक नुकसान होता है और उसका जीवनकाल भी घट जाता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह खोज ग्लियोब्लास्टोमा जैसी बहुत ही घातक बीमारी के लिए इलाज की प्रभावी पद्धति खोजने में मददगार हो सकती है।
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Published By : Press Trust of India (भाषा)
पब्लिश्ड 19 May 2023 at 17:02 IST