अपडेटेड 26 December 2024 at 14:39 IST
नए साल से पहले जो जाइए सावधान! 2025 में ये संक्रामक रोग बन सकता है बड़ी समस्या
वैज्ञानिकों को अगली संभावित समस्या के लिए भी लगातार कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। हालांकि कोई भी बीमारी कहीं भी फैल सकती है
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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कोविड अचानक से उभरा, तेजी से फैला और दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले गया। तब से, मुझे लगता है कि यह कहना सही होगा कि लोग अगले बड़े संक्रामक रोग के उभरने को लेकर चिंतित होंगे, जो हो सकता है कि किसी वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या फिर ‘पैरासाइट’ के रूप में फैले।
(शुक्र है कि बेहद प्रभावकारी टीकों की वजह से) कोविड खत्म होने के कगार पर है, ऐसे में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी तीन संक्रामक रोगों मलेरिया (एक पैरासाइट), एचआईवी (एक वायरस) और ट्यूबरक्यूलोसिस (एक बैक्टीरिया) को लेकर काफी चिंतित हैं। इनके कारण हर वर्ष लगभग 20 लाख लोगों की मृत्यु होती है।
इसके अलावा अधिकारियों को चिंताजनक रोगाणुओं पर भी निगरानी करनी है - विशेष रूप से वे रोगाणु जो ‘एंटीबायोटिक्स’ और ‘एंटीवायरल’ जैसी दवाओं के काबू से भी बाहर हो चुके हैं। इन रोगाणुओं से छुटकारा पाने के लिए आमतौर पर इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
वैज्ञानिकों को अगली संभावित समस्या के लिए भी लगातार कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। हालांकि कोई भी बीमारी कहीं भी फैल सकती है, लेकिन कुछ बीमारियां कुछ समूहों में तेजी से फैल सकती हैं, जिनमें इन्फ्लूएंजा वायरस भी शामिल है। इन्फ्लूएंजा वायरस इस समय बहुत चिंता का विषय बना हुआ है और 2025 में यह एक गंभीर समस्या बन सकता है।
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इन्फ्लूएंजा ए का एक उपस्वरूप एच5एन1 है, जिसे कभी-कभी “बर्ड फ्लू” भी कहा जाता है। यह वायरस जंगली और घरेलू पक्षियों (जैसे मुर्गी) दोनों में व्यापक रूप से फैलता है। हाल ही में, यह वायरस कई अमेरिकी राज्यों में डेयरी मवेशियों को भी संक्रमित कर रहा है तथा मंगोलिया में घोड़ों में भी पाया गया है।
जब पक्षियों में इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ने लगते हैं, तो हमेशा यह चिंता बनी रहती है कि कहीं यह मनुष्यों तक न पहुंच जाए। वास्तव में, बर्ड फ्लू मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है। इस वर्ष अमेरिका में इसके 61 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से अधिकतर मामले कृषि श्रमिकों के संक्रमित मवेशियों के संपर्क में आने तथा कच्चा दूध पीने वाले लोगों के कारण हुए हैं।
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इससे पिछले दो वर्षों में अमेरिका में केवल दो मामले सामने आए थे, जिसकी तुलना में यह काफी अधिक वृद्धि है। मनुष्यों के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने के मामलों में मृत्यु दर 30 प्रतिशत है। ऐसे में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों की प्राथमिकताओं की सूची में बर्ड फ्लू शीर्ष रोगों में से एक है।
सौभाग्य से, एच5एन1 बर्ड फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता, जिससे मनुष्यों में महामारी फैलने की आशंका बहुत कम हो जाती है। इन्फ्लूएंजा वायरस को कोशिकाओं के अंदर प्रवेश करने और प्रतिकृति बनाने के लिए कोशिकाओं के बाहर स्थित ‘सियालिक रिसेप्टर्स’ नामक आणविक संरचनाओं से जुड़ना पड़ता है।
ये फ्लू वायरस मनुष्य के शरीर के अंदर इन ‘सियालिक रिसेप्टर्स’ को बहुत अच्छी तरह से पहचान लेते हैं, जिससे उनके लिए हमारी कोशिकाओं के अंदर प्रवेश करना आसान हो जाता है, जिसकी वजह से मनुष्य में यह वायरस फैलता है। दूसरी ओर, पक्षियों के मामलों में ऐसा नहीं होता और मनुष्यों की तुलना में उनमें बर्ड फ्लू तेजी से फैलता है।
हालांकि, एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि फ्लू के अनुक्रमण में एक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) भी होता है, जिससे एच5एन1 वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने में मदद मिलती है और इसकी वजह से महामारी भी फैल सकती है।
अगर बर्ड फ्लू का यह प्रकार मनुष्यों के बीच फैलने लगता है, तो सरकारों को इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। दुनिया भर में रोग नियंत्रण केंद्रों ने बर्ड फ्लू और अन्य बीमारियों के लिए महामारी से जुड़ी तैयारियों की योजना बनाई है।
उदाहरण के लिए, ब्रिटेन ने 2025 की तैयारियों के तहत एच5 टीकों की लगभग 50 लाख खुराक खरीदी हैं, जो बर्ड फ्लू से बचा सकती हैं।
बर्ड फ्लू के भले ही मनुष्यों में फैलने की आशंका न हो लेकिन यह 2025 में पशुओं के स्वास्थ्य को और अधिक प्रभावित कर सकता है। इससे न केवल पशुओं के स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, बल्कि खाद्य आपूर्ति बाधित होने और आर्थिक प्रभाव पड़ने की भी आशंका है।
Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 26 December 2024 at 14:39 IST