अपडेटेड 11 June 2024 at 19:40 IST
How To Get Rid Of Snoring: सोते समय खर्राटे लेना आम बात है, लेकिन अगर आप रोजाना खर्राटे ले रहे हैं और आपकी नाक से तेज-तेज आवाज आती है, तो आपको अपनी हेल्थ को लेकर सावधान होने की जरूरत है। दरअसल, लगातार तेज खर्राटे आना इस बात की तरफ इशारा करता है कि आप सेहतमंद नहीं है। साथ ही इससे आपको कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती है।
खर्राटों की वजह से हर चौथा व्यक्ति स्लीप एपनिया का शिकार हो रहा है। वहीं हमारे देश में 12 करोड़ से ज्यादा लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं। साथ ही खर्राटों की वजह से आप हाइपरटेंशन, शुगर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों की तरफ काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि खर्राटों की वजह से आपको कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है। यह समस्या क्यों होती है और खर्राटों से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर
जो लोग रात में लंबे समय तक खर्राटे लेते हैं, उन्हें हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है। यह समस्या पुरुषों में 83% और महिलाओं 71% देखने को मिलती है।
हार्ट अटैक
आमतौर पर सोते समय खर्राटे आना कोई चिंता की बात नहीं है। जब आप हल्के या कभी-कभार खर्राटे लेते हैं तो यह खतरनाक नहीं होता है। हालांकि, लंबे समय तक खर्राटे लेने से स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी कुछ परेशानियां बढ़ सकती है।
ब्रेन स्ट्रोक
खर्राटे लेने वाले व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती है और इसका दुष्प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है। इसमें सबसे पहले आपकी सेहत खराब होती है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। अगर इस दिक्कत पर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है और आखिर में मरीज को ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है।
वजन कम करें
अगर आप खर्राटों की समस्या से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाने चाहते हैं, तो आपको अपना कम करना होगा। वेट लॉस करने से यह समस्या अपने आप कम हो जाती है।
एक्सरसाइज करें
व्यायाम करने से खर्राटों को कम करने में मदद मिल सकती है। मुंह और गले के व्यायाम, जिन्हें ऑरोफरीन्जियल मांसपेशियों के व्यायाम के रूप में जाना जाता है, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में सुधार कर सकते हैं और खर्राटों को कम कर सकते हैं। ये व्यायाम जीभ की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।
गर्दन के व्यायाम करें
गर्दन, गले, जीभ या मुंह की मांसपेशियां रुकावट पैदा करती हैं और खर्राटों को बढ़ाती हैं। यह कसरत इन मांसपेशियों को टोन करती है और खर्राटों की समस्या को कम करती है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
पब्लिश्ड 11 June 2024 at 19:32 IST