अपडेटेड 2 April 2023 at 10:23 IST

Roti Cooking Research: तवे के बाद सीधे आंच पर सिकी रोटी ले सकती है आपकी जान!, स्टडी में हुआ खुलासा

क्या आप जानते हैं कि कई (Roti Cooking ) प्रक्रियाओं के बाद बनने वाला मधुकोश सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। खासतौर पर अगर इसे सीधी आंच या तवे पर भूना जाए तो यह सेहत के लिए हानिकारक होता है। जानें कैसे

unsplash
unsplash | Image: self

Roti Cooking Research: रोटी सभी भारतीय लोगों की डाइट का अहम हिस्सा माना जाता है। उत्तर भारत में लोग अपना भोजन तबतक पूरा नहीं मानते जबकर वो रोटी ना हो, कई लोगो का मानना है कि रोटी बिना खाए उनका पेट नहीं भरता है। कुछ क्षेत्रों में रोटी को चपाती भी कहा जाता है, इसलिए इसे इंग्लिश ब्रेड (English bread) कहा जाता है। रोटी बनाना एक सामान्य प्रक्रिया है। आटे को तेल और पानी डालकर कुछ देर के लिए गूंद कर रख दिया जाता है, फिर उस आटे को रोल किया जाता है और तवे पर एक तरफ ग्रिल किया जाता है और फिर सीधे आग पर भूनकर रोटी या फुल्का (phulka) बनाया जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई (Roti Cooking ) प्रक्रियाओं के बाद बनने वाला मधुकोश सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। खासतौर पर अगर इसे सीधी आंच या तवे पर भूना जाए तो यह सेहत के लिए हानिकारक होता है। यह बात हाल ही में हुई एक स्टडी से सामने आई है।

इसे भी पढ़ें : Health Benefits Of Millet: Diabetes के मरीजों के लिए रामबाण है बाजरा, डाइट में करें शामिल

नए अध्ययन से मिली नई जानकारी 

जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में एक शोध प्रकाशित हुआ है।  शोध के अनुसार, प्राकृतिक गैस ग्रिल और गैस स्टोव कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और महीन कणों का उत्सर्जन करते हैं। ये सभी कण शरीर के लिए खतरनाक होते हैं। सिलंडर गेस का ये प्रदूषक सांस की समस्या, हृदय रोग और यहां तक ​​कि कैंसर का कारण बना सकते हैं। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड कैंसर में एक अन्य अध्ययन भी प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है कि तेज (Roti making) आंच पर खाना पकाने से कार्सिनोजेन्स बनते हैं। इसे शरीर के अलग-अलग हिस्सों के लिए भी उपयुक्त नहीं माना जाता है।

Advertisement

 बेकिंग अच्छी नहीं होती, पुराने अध्ययन का दावा

एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब रोटी को सीधी लपटों के संपर्क में लाया जाता है, तो यह एक्रिलामाइड नामक रसायन पैदा करता है, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि गेहूं के आटे में प्राकृतिक शर्करा और प्रोटीन भी होता है। आटे को बेलने और गैस पर भूनने से कार्सिनोजेनिक केमिकल बनते हैं। इसका सेवन सुरक्षित नहीं माना जाता है।

 फिर क्या करे?

जानकारों का कहना है कि इस संबंध में अभी और अध्ययन किए जाने चाहिए।  इसके बाद ही तस्वीर पूरी तरह साफ हो सकेगी, लेकिन रोटी को तेज आंच पर बिल्कुल भी नहीं सेकना चाहिए। इससे कार्बोनेशियस कण और जहरीले तत्व शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

Advertisement

इसे भी पढ़ें : Team India का पहला World Cup, Rakesh Sharma की अंतरिक्ष उड़ान; ऐसे 2 April बना कई घटनाओं का गवाह

Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 2 April 2023 at 10:23 IST