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अपडेटेड 3 June 2025 at 14:01 IST

Stroke: कम उम्र में बढ़ रहा स्ट्रोक का खतरा: बदलते लक्षणों से डॉक्टर भी कन्फ्यूज, 4 घंटे में इलाज क्यों जरूरी?

Stroke: स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग तक खून पहुंचना बंद या फिर बहुत कम हो जाता है। ऐसे में दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिलती और कोशिकाएं मरने लगती हैं।

Reported by: Digital Desk
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Brain Stroke
Brain Stroke | Image: Freepik

Stroke in Young Adults: स्ट्रोक आजकल एक कॉमन बीमारी हो गई है। हैरानी की बात ये है कि जहां यह खतरनाक और जानलेवा बीमारी पहले ज्यादातर बुजुर्गों को होती थी, लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। एक नई रिसर्च के खुलासा हुआ है कि 55 साल से कम उम्र के लोगों में स्ट्रोक के मामले दोगुने हो गए हैं।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी बताती है कि बुजुर्गों में स्ट्रोक के मामले घट रहे हैं। वहीं, अब इसकी चपेट में ज्यादा युवा आ रहे हैं। यही नहीं अब इसके लक्षण में भी बदलाव देखने को मिल रहा है, जिसके चलते युवाओं में बीमारी को पहचानना मुश्किल होता जा रहा है।

माना जा रहा है कि स्ट्रोक के जो पहले लक्षण जैसे हाई BP, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, शराब और मोटापा थे। उनकी जगह अब स्ट्रेस, मेंटल हेल्थ, लंबे समय तक काम करना और ओरल हाईजीन लेने लगे हैं और यह युवाओं में बहुत कॉमन होते है।

क्या होता है स्ट्रोक?

स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग तक खून पहुंचना बंद या फिर बहुत कम हो जाता है। ऐसे में दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिलती और कोशिकाएं मरने लगती हैं। कई कारणों से ऐसा हो सकता है। इसे ‘इस्केमिक स्ट्रोक’ भी कहा जाता है।

इसको लेकर नेशनल क्लिनिकल लीड और स्ट्रोक मेडिसिन की मेडिकल डायरेक्टर प्रोफेसर डेबी लो बताती हैं कि स्ट्रोक के लगभग 20 प्रतिशत मामलों में यह मस्तिष्क के पिछले हिस्से को प्रभावित करते हैं। जिससे रक्त का फ्लो सेरेबेलम और ब्रेनस्टेम तक कम हो जाता है, जो सांस और दिल की धड़कन को नियंत्रित करते है।

स्ट्रोक के नए लक्षण

इस तरह के स्ट्रोक में चक्कर आना, बोलने में कठिनाई और दिखने में गड़बड़ी आम लक्षण होते हैं। यही वजह है कि टेस्ट में यह बीमारी आसानी से पकड़ में नहीं आ पाती। डॉक्टर चेहरा देखकर स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान रते हैं।

4 घंटे के अंदर इलाज जरूरी

स्ट्रोक नए लक्षणों में चक्कर आना, नजर धुंधली होना, उल्टी, अचानक सिरदर्द, संतुलन खोना, याददाश्त जाना और भ्रम की स्थिति भी शामिल है। स्ट्रोक का इलाज जितनी जल्दी हो, उतना बेहतर होता है। खासकर अगर 4 घंटे के भीतर इलाज शुरू हो जाए, तो मरीज की हालत सुधर सकती है।

क्या करें?

अगर आपको ऐसे कोई लक्षण दिखे और संदेह हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, तनाव कम करना और पर्याप्त नींद लेना स्ट्रोक से बचाव के लिए जरूरी होता है।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं।  REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

पब्लिश्ड 3 June 2025 at 14:01 IST