Published 23:03 IST, September 8th 2024
'सैंपल की जांच की जा रही है, चिंता की कोई बात नहीं',संदिग्ध मंकीपॉक्स मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय
विश्व स्वस्थ्य संगठन के पहले के बयान के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में 99,176 मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं जिनमें से 208 लोगों की मौत हो चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि हाल ही में मंकीपॉक्स के प्रकोप वाले देश से यात्रा कर यहां आने वाले एक व्यक्ति की पहचान बीमारी के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है। मंत्रालय ने कहा कि इस मरीज को एक निर्दिष्ट अस्पताल में पृथक-वास में रखा गया है और फिलहाल उसकी हालत स्थिर है, और इसलिये चिंता की कोई बात नहीं है। उसने बताया कि व्यक्ति से नमूने एकत्रित किए गए हैं और मंकीपॉक्स की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए उनका परीक्षण किया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा, 'मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंधित किया जा रहा है, और संभावित स्रोतों की पहचान करने तथा देश के भीतर के प्रभाव का आकलन करने के लिए संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाना जारी है।' इसने कहा कि यह राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा किए गए पहले के जोखिम मूल्यांकन के अनुरूप है और किसी भी अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है।
WHO ने बताया स्वास्थ्य आपातकाल
मंत्रालय ने कहा कि देश ऐसे मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए पुख्ता उपाय किए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले महीने दूसरी बार मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) के रूप में घोषित किया था, क्योंकि यह अफ्रीका के कई हिस्सों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ द्वारा 2022 में पीएचईआईसी घोषित किए जाने के बाद से भारत में इस बीमारी के 30 मामले सामने आए हैं। इससे संक्रमित आखिरी मामला इस साल मार्च में सामने आया था।
2 सालों में 116 देशों में 99,176 मंकीपॉक्स के मामले
विश्व स्वस्थ्य संगठन के पहले के बयान के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में 99,176 मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं जिनमें से 208 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल संक्रमितों की संख्या में काफी वृद्धि हुई थी। इस साल अब तक सामने आये मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है। मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है जिसके लक्षण चेचक के रोगियों में पहले देखे गए लक्षणों के समान हैं, हालांकि चिकित्सीय रूप से यह कम गंभीर है। जूनोसिस या जूनोटिक रोग मनुष्यों में होने वाला एक संक्रामक रोग है जो किसी रोगाणु के कारण होता है।
संक्रमण का प्रभाव 2 से 4 सप्ताह
अधिकारियों के अनुसार, संक्रमण का प्रभाव आम तौर पर दो से चार सप्ताह तक रहता है। एमपॉक्स के मरीज आमतौर पर सहायक चिकित्सा देखभाल और प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं। बीमारी का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक और करीबी संपर्क के माध्यम से होता है। यह मुख्य रूप से यौन मार्ग, रोगी के शरीर/घाव द्रव के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों के माध्यम से होता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Updated 23:03 IST, September 8th 2024