अपडेटेड 6 August 2023 at 16:28 IST
आई फ्लू से हैं परेशान तो जान लीजिए कैसे फैलता है इनफेक्शन, कितनी तरह की होती है ये बीमारी?
अगर आप या आपके आस-पास के लोग कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं तो आपको इस आई इंफेक्शन के बारे में कुछ बातें ज़रूर जान लेनी चाहिए।
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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अगर आपकी आंखें लाल हो गई हैं और आंखों से लगातार पानी निकल रहा है तो यह आई फ्लू के लक्षण हैं। बरसात के मौसम में रेड आई या पिंक आई होना आम बात हो गई है। वहीं इसे आम भाषा में आंख आना या आई फ्लू भी कहा जाता है। आई फ्लू का एक नाम कंजक्टिवाइटिस भी है। हाल ही में हुई बरसात के बाद देश में कंजक्टिवाइटिस के मामले तेज़ी से बढ़े। ऐसे में आपको इससे बचने के बारे में कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। आइए जानते हैं कंजक्टिवाइटिस के बारे में।
क्या है कंजक्टिवाइटिस
आंख आना या कंजक्टिवाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें आंखें लाल हो जाती हैं और आंखों से लगातार पानी बहने लगता है। जिसकी वजह से आपको आंखे खोलने और बंद करने में भी परेशानी होती है।
जानें कितनी तरह के होते हैं कंजक्टिवाइटिस
वायरल कंजक्टिवाइटिस (Viral Conjunctivitis)
वायरल कंजक्टिवाइटिस सामान्य तौर पर किसी भी संक्रमित व्यक्ति के द्वारा आसानी से फैल सकता है। अगर इसके लक्षणों की बात की जाए तो इसमें आंखों का रंग लाल हो जाता है, आंखों से पानी निकलता है, खुजली होती है। वहीं अगर इसके इलाज की बात करें तो इसका कोई विशेष इलाज नहीं है। ज़्यादातर मामलों में यह अपने आप एक से तीन हफ्ते के भीतर ठीक हो जाता है।
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बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस (Bacterial Conjunctivitis)
जैसा कि नाम से ही मालूम होता है कि यह कंजक्टिवाइटिस बैक्टीरिया के द्वारा फैलता है। इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें आंखों का लाल होना, पानी निकलना और चुभन होना शामिल है। यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, साथ ही इसके इलाज के तौर पर डॉक्टर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
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एलर्जी कंजक्टिवाइटिस (Allergic Conjunctivitis)
एलर्जी कंजक्टिवाइटिस धूल, पालतू जानवरों की रूसी या कुछ रसायनों की वजह से फैलता है। वायरल कंजक्टिवाइटिस की तरह ही इसमें भी आंखों में तेज़ खुजली, आंखों का लाल होना और चुभन होना शामिल है। इससे निजात पाने के लिए आप एंटीहिस्टामाइन आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैमिकल कंजक्टिवाइटिस (Chemical Conjunctivitis)
कैमिकल कंजक्टिवाइटिस, उत्तेजक पदार्थों या कैमिकल के संपर्क में आने से फैलता है। जैसे स्विमिंग पूल के पानी में मिला क्लोरीन, धुआं या फ्लोर या बेस क्लीनर्स से निकलने वाली गैस के ज़रिए ये आसानी से हो जाता है। आंखे लाल होना, दर्द होना और आंखों से पानी निकलना इसके मुख्य लक्षण हैं। कंटक्टिवाइटिस के इस प्रकार से निजात पाने के लिए आपको फौरन डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
जाइंट पैपिलरी कंजंक्टिवाइटिस (Giant Papillary Conjunctivitis)
जाइंट पैपिलरी कंजंक्टिवाइटिस, कंजक्टिवाइटिस का एक सामान्य रूप है। इसमें आंखों की पलकों की भीतरी सतह पर पैपिला (उभार) बन जाते हैं। यह अक्सर कॉन्टैक्ट लेंस या ऑक्यूलर प्रोस्थेटिक्स के लंबे समय तक इस्तेमाल करने की वजह से होता है। ऐसे में इसका इलाज यही है कि आप लेंस पहनना बंद कर दें और आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें।
कंजक्टिवाइटिस के सामान्य लक्षण
आंखों में रेडनेस आना
कंजक्टिवाइटिस में आंखों का रंग लाल या हल्का गुलाबी हो जाता है।
आंखों से लगातार पानी निकलना
इस बीमारी में आंखें तो लाल होती ही है साथ ही आंखों से लगातार पानी भी निकलता है।
आंखों में चिपचिपापन
अगर आपकी आंख आ रही है या आपको कंजक्टिवाइटिस हो गया है तो आपकी आंखों में चिपचिपापन आने लगेगा और आंखों से लगातार कीचड़ निकलेगा।
चुभन महसूस होना
कंजक्टिवाइटिस के दौरान आप ऐसा महसूस करेंगे जैसे आपकी आंखों में कुछ चुभ रहा हो। आई फ्लू के दौरान आंखों की ये चुभन लगातार बनी रहती है।
दर्द
आई फ्लू में आपकी आंखों में दर्द की समस्या भी बढ़ जाती है। जिसकी वजह से आपको आंख खोलने या बंद करने में दिक्कत महसूस होती है।
खुजली होना
कंजक्टिवाइटिस के दौरान आंखों में बेशुमार खुजली होती है। जिस वजह से आंखों की रेडनेस और बढ़ जाती है।
सूजन आना
आई फ्लू में आंखों में दर्द होने की वजह से आंखों के आस-पास सूजन की समस्या भी हो जाती है।
कंजक्टिवाइटिस होने पर क्या करें?
आंखों की साफ-सफाई
कंजक्टिवाइटिस होने पर आंखों की सफाई का खास ध्यान रखें। आंखों को जितनी बार हो सके ठंडे पानी से धोएं। इससे आंख साफ भी रहेगी और आपको कुछ राहत भी मिलेगी।
चेहरे को छूने से बचें
जब भी सार्वजनिक जगहों पर जाएं या किसी सार्वजनिक परिवहन से सफर करें तो अपने चेहरे को बिल्कुल न छूएं। ऐसा करने से आपका आई इंफेक्शन बढ़ सकता है और आप दूसरों को भी इस इंफेक्शन की चपेट में ले सकते हैं।
चश्मा पहनें
जब भी सार्वजनिक जगहों पर जाएं तो आंखों पर काला चश्मा ज़रूर लगाएं। इससे एयरबोर्न कणों से सुरक्षा मिलती है। साथ ही चश्मा पहनने की वजह से आप आंखों और संक्रमण के बीच सीधा संपर्क होने से रोक सकते हैं।
दूसरे लोगों ने बनाएं दूरी
आई फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए इससे पीड़ित लोगों से दूरी बनाकर रखें। साथ ही अगर आप भी आई फ्लू से संक्रमित हैं तो आप भी भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
टिशू पेपर का इस्तेमाल
आखों को छूने या साफ करने के लिए टिशू पेपर का इस्तेमाल करें। इससे इंफेक्शन बढ़ेगा नहीं।
हाथ धोएं
आई फ्लू के ट्रांसमिशन को रोकने के लिए हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हर आधे घंटे में साफ करना चाहिए। साथ ही सार्वजनिक जगहों पर आपको हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
डॉक्टर की सलाह
अगर आपका आई फ्लू हद से ज़्यादा बढ़ गया है तो आपको फैरन डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के हिसाब से ही आपको दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए।
Published By : Digital Desk
पब्लिश्ड 6 August 2023 at 16:27 IST