अपडेटेड 6 January 2025 at 21:09 IST

HMPV वायरस से कैसे करें बचाव, छोटे बच्चे-युवा या बुजुर्ग किसे ज्यादा खतरा? जानें सबकुछ

चीन से फैलते हुए HMPV वायरस अब भारत की चौखट पे दस्तक दे चुका है। HMPV कई तरह से लोगों को अपनी चपेट में लेता है। जानें इससे जुड़ी हर जानकारी।

How to protect yourself from HMPV virus
HMPV वायरस से कैसे करें बचाव? | Image: freepik

HMPV in India: कोरोना के कोहराम को शायद ही कोई भूला हो, चीन से उपजे इस वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी। अब एक बार फिर से चीन में खतरनाक HMPV (Human Metapneumovirus) वायरस फैल चुका है। चीन में हजारों लोग इसकी जद में आ चुके है। HMPV एक प्रकार का श्वसन वायरस है। जो सबसे पहले 2001 में यूरोपीय देश नीदरलैंड में पाया गया था। यह पैरामिक्सो विरिडी परिवार का सदस्य है और श्वसन तंत्र (Respiratory system) को प्रभावित करता है। यह वायरस बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों में हल्के से गंभीर श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है।

चीन से फैलता ये वायरस अब भारत की चौखट पे दस्तक दे चुका है। बैंगलोर में एक 3 महीना और एक 8 महीने के बच्चे में HMPV की पुष्टि हुई है। पश्चिम बंगाल में भी एक 5 महीने के नवजात बच्चे में HMPV की पुष्टि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 'ये कोई नया वायरस नहीं है। सर्दी और बरसात के मौसम में ज्यादा असर करता है। सरकार चीन से आए मामले को लेकर सतर्कता बरत रही है, पड़ोसी देशों में वायरस के हालात पर भी नजर बनाए हुए हैं।'

कैसे फैलता है HMPV?

HMPV कई तरह से लोगों को अपनी चपेट में लेता है। ये वायरल संपर्क में आने से, संक्रमित सतहों से और हवा से फैलता है।

  • संपर्क से: संक्रमित लोगों के साथ संपर्क में आने से वायरस फैलता है। जैसे- छींकना, खांसना या हाथ मिलाने से वायरस फैलता है।
  • संक्रमित सतहों से: अगर कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित किसी सतह को छूता है और फिर अपने मुंह, नाक, या आंखों को छूता है, तो उसे HMPV संक्रमण हो सकता है।
  • हवा से: संक्रमित लोगों की खांसी या छींक से वायरस हवा की जरिए फैल सकता है।

HMPV के लक्षण

HMPV एक रेस्पिरेटरी वायरस है। इसके कोविड-19 जैसे लक्षण होते हैं। संक्रमित व्यक्ति को सर्दी लगती है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी जैसे होते हैं, लेकिन यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।

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  • खांसी
  • नाक बहना या बंद होना
  • बुखार
  • गले में खराश
  • सांस लेने में कठिनाई
  • थकान

HMPV का बचाव

साफ-सफाई

  • बार-बार हाथ धोना, विशेष रूप से खाने से पहले और बाहर से आने के बाद। 
  • हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें या अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर लगाएं

संक्रमित व्यक्ति से बनाए दूरी

  • बार-बार हाथ धोना, विशेष रूप से खाने से पहले और बाहर से आने के बाद।
  • साबुन और पानी का उपयोग करें या अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर लगाएं।

संक्रमित से दूरी

  • वायरस फैलने से रोकने के लिए बीमार व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचें।
  • सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें।

इम्युनिटी बढ़ाना

  • संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होने चाहिए।
  • नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लें।

टीकाकरण

HMPV के लिए कोई विशेष टीका अभी तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन दूसरे श्वसन वायरस के टीकाकरण (जैसे फ्लू वैक्सीन) से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है।

डॉक्टर की सलाह लें

  • अगर लक्षण गंभीर है, जैसे सांस लेने में अधिक दिक्कत हो रही है, तो तुरंत अपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

HMPV का उपचार

HMPV के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है। उपचार आमतौर पर लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है।

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HMPV से किसे ज्यादा खतरा?

  • छोटे बच्चे (5 वर्ष से कम)
  • बुजुर्ग (65 वर्ष से अधिक)
  • दिल या फेफड़े की बीमारियों के मरीज
  • कमजोर इम्युनिटी वाले लोग
  • सावधानी बरतने से HMPV संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है।

HMPV और कोविड-19

कोविड-19 संक्रमण और HMPV दोनों श्वसन संबंधी रोग देते हैं। समानता यह है कि दोनों ही वारयस व्यक्ति को मामूली से लेकर गंभीर स्तर की श्वसन संबंधी बीमारी देते हैं। दोनों में से किसी से भी संक्रमित होने पर खांसी, बुखार और सांस फूलने के लक्षण दिखते हैं।

दोनों में अंतर यह है कि कोविड-19 से जुड़े वायरस से होने वाली बीमारी का दायरा विस्तृत है जिसमें स्वाद और गंध की क्षमता कम हो जाती है और खून के थक्के जमना शामिल है। कोविड-19 से बचाव के लिए जहां वैक्सीन और एंटीवायरल उपचार की सुविधा उपलब्ध है, वहीं एचएमपीवी से बचाव के उपाय सीमित हैं और इसके लिए कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 6 January 2025 at 20:53 IST