अपडेटेड 1 December 2024 at 18:13 IST
आंखों में संक्रमण से कैसे बचें- और यदि हो जाए तो क्या करें
कंजक्टिवाइटिस एक सामान्य स्थिति है जिसमें आपकी आंख का सफेद भाग गुलाबी या लाल हो जाता है। कंजक्टिवाइटिस पीड़ित लोगों की आंखों में जलन होती है और पानी निकलता है।
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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सर एल्टन जॉन ने हाल में एबीसी के ‘गुड मॉर्निंग अमेरिका’ पर खुलासा किया कि आंखों में संक्रमण के कारण उनकी दाहिनी आंख की रोशनी चली गई। जॉन ने कहा, ‘‘उन्हें बाईं आंख से भी ठीक प्रकार से नहीं दिखाई दे रहा है। मैं चार महीने से नहीं देख पा रहा हूं।’’ आश्वस्त करने वाली बात यह है कि सबसे आम नेत्र संक्रमण (Eye Infections), जैसे कि ‘कंजक्टिवाइटिस’ आमतौर पर दृष्टि को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और बिना उपचार के ठीक हो जाते हैं।
‘कंजक्टिवाइटिस’ (Conjunctivitis) एक सामान्य स्थिति है जिसमें आपकी आंख का सफेद भाग गुलाबी या लाल हो जाता है। कंजक्टिवाइटिस पीड़ित लोगों की आंखों में जलन होती है और पानी निकलता है। ठंडी, साफ पट्टी का इस्तेमाल करने और पलकों पर जमी पपड़ी को धीरे से पोंछने से आपकी आंखों को ठीक होने में मदद मिलती है। ‘बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस’ (Bacterial Conjunctivitis) दूसरा सबसे आम रोग है। इसमें गाढ़ा पीला या हरा स्राव होने की आशंका अधिक होती है जो पलकों पर जम सकता है। यह आमतौर पर बिना इलाज के एक या दो सप्ताह में ठीक हो जाता है, लेकिन ‘एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स’ (Antibiotic eye drops) से इससे जल्द ही ठीक होने में मदद मिलती है।
एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस का पता कैसे चलेगा?
यदि आपकी आंखें वर्ष के कुछ समय में गुलाबी और खुजली वाली रहती हैं, तो संभवतः यह ‘एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस’ (allergic conjunctivitis) है। लगभग 40 प्रतिशत लोग किसी न किसी समय ‘एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस’ से पीड़ित होते हैं। ‘कंजक्टिवाइटिस’ के इन सभी रूपों के लिए धूप का चश्मा और कृत्रिम आंसू मददगार साबित हो सकते हैं।
यौन संचारित रोगों से भी कंजक्टिवाइटिस
क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे यौन संचारित रोगों से भी ‘कंजक्टिवाइटिस’ हो सकता है लेकिन ये अधिक गंभीर होते हैं और इनमें यथाशीघ्र चिकित्सा की आवश्यकता होती है। बैक्टीरिया हाथ-आंख के संपर्क के माध्यम से जननांगों से आंखों तक फैल सकते हैं। एल्टन जॉन ने जिस तरह की दृष्टि हानि का वर्णन किया है, उससे होने वाली अधिक गंभीर नेत्र संबंधी स्थितियां दुर्लभ हैं। चिंता के मुख्य संक्रमण ऑर्बिटल सेल्युलाइटिस, एंडोफ्थालमिटिस और संक्रामक केराटाइटिस हैं।
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एंडोफ्थालमिटिस एक गंभीर संक्रमण है जो आंख के अंदर के तरल पदार्थ को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर तब होता है जब कोई चीज आंख में प्रवेश कर जाती है इसलिए यह सर्जरी के बाद, आंख में इंजेक्शन लगाने के बाद, किसी दुर्घटना के बाद या गंभीर कॉर्नियल संक्रमण के बाद हो सकता है। यदि आपको आंख में इंजेक्शन, चोट या सर्जरी के बाद दर्द हो जो बढ़ता जा रहा हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
आंखों में केराटाइटिस कैसे होता है?
‘केराटाइटिस’ तब होता है जब आंख की कॉर्निया या पुतली में सूजन आती है। आंखों में संक्रमण होने और फैलने से बचने के लिए हाथों की स्वच्छता बहुत जरूरी है। अपने हाथों को अच्छी तरह से और बार-बार धोएं और अपनी आंखों को छूने या रगड़ने से बचें। वायरल, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण अत्यधिक संक्रामक होते हैं इसलिए आंखों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किए गए किसी भी ‘वाइप्स’ को सावधानीपूर्वक नष्ट करें तथा आंखों को साफ करने या उनमें बूंदें डालने से पहले और बाद में अपने हाथ अवश्य धोएं।
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यदि आपको आंखों में संक्रमण है तो ठीक होने तक अपनी आंखों पर मेकअप लगाने से बचें। यदि आप ‘कॉन्टैक्ट’ लेंस पहनते हैं तो उन्हें साफ करने और उन्हें ज्यादा न पहनने के बारे में सावधान रहें। यदि आपको ‘कंजक्टिवाइटिस’ से ज्यादा नुकसान होने का संदेह है तो चिकित्सक से सलाह लें।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 1 December 2024 at 18:11 IST