अपडेटेड 26 December 2025 at 20:03 IST

Positive Parenting: अपने बच्चों का संवारना है फ्यूचर तो सिर्फ पढ़ो-पढ़ो कहने से नहीं होगा, घर पर बनाएं ये 10 नियम; खुद होंगे कामयाब

अगर बचपन से ही बच्चों के रूटीन में ये अच्छी और आसान आदतें शामिल कर दी जाएं, तो उनका भविष्य सेहतमंद, खुशहाल और सफल बन सकता है। बच्चों की कामयाबी की शुरुआत घर से ही होती है।

easy parenting-tips-for-child-devlopment-rules-at-home for healthy future and life
parenting-tips-for-child-devlopment | Image: AI

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा न सिर्फ पढ़ाई में अच्छा करे, बल्कि सेहतमंद, आत्मविश्वासी और सफल इंसान बने। इसके लिए बहुत जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों की दिनचर्या में कुछ अच्छी आदतें शामिल की जाएं। छोटी-छोटी आदतें आगे चलकर बच्चों के बड़े सपनों की नींव बनती हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ आसान और जरूरी पैरेंटिंग टिप्स, जो बच्चों का भविष्य बेहतर बना सकती हैं।

सही समय पर सोने और उठने की आदत

बच्चों की अच्छी सेहत और दिमागी विकास के लिए पूरी नींद बहुत जरूरी है। रोज एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें। रात को देर तक मोबाइल या टीवी देखने से बचाएं। पूरी नींद से बच्चा फ्रेश महसूस करता है और पढ़ाई में फोकस बढ़ता है।

हेल्दी खाना बनाएं आदत

बचपन में डाली गई खान-पान की आदतें जिंदगी भर साथ चलती हैं। जंक फूड की जगह घर का बना खाना दें। फल, सब्जियां, दूध और दालें खाने की आदत डालें। ज्यादा मीठा और पैकेट वाला खाना सीमित रखें। हेल्दी डाइट से बच्चों की इम्युनिटी मजबूत होती है।

Uploaded image

रोजाना पढ़ने की आदत

बच्चों को रोज कुछ समय किताब पढ़ने के लिए प्रेरित करें। कहानी की किताबें या ज्ञान बढ़ाने वाली किताबें दें। इससे बच्चों की भाषा, सोचने की क्षमता और कल्पना शक्ति बढ़ती है। मोबाइल से दूरी भी बनी रहती है।

Advertisement

खेल और फिजिकल एक्टिविटी जरूरी

पढ़ाई के साथ-साथ खेलना भी उतना ही जरूरी है।रोज कम से कम 1 घंटा खेलने दें। आउटडोर गेम्स जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना या खेल-कूद कराएं। इससे शरीर फिट रहता है और मन भी खुश रहता है।

जिम्मेदारी की समझ सिखाएं

बचपन से ही बच्चों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां दें। अपने चीजें खुद संभालने की आदत होना बेहद जरूरी होता है। इसमें स्कूल बैग खुद लगाना जैसी चीजों से आप शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा घर के छोटे कामों में अपने बच्चों की मदद लें। इससे बच्चों में आत्मनिर्भरता आती है।

Advertisement

टाइम मैनेजमेंट सिखाएं

बच्चों को समय की कीमत समझाना बहुत जरूरी है। पढ़ाई, खेल और आराम का सही बैलेंस बनाएं। एक सिंपल टाइम टेबल बनाएं। इससे बच्चों में डिसिप्लिन आता है।

मोबाइल और स्क्रीन टाइम सीमित रखें

आज के समय में बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ता जा रहा है। मोबाइल और टीवी का समय तय करें। खाली समय में उन्हें एक्टिविटी या खेल की ओर मोड़ें। ज्यादा स्क्रीन से आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।

Uploaded image

बच्चों से बात करना न भूलें

बच्चों से रोज खुलकर बात करें। उनकी बातें ध्यान से सुनें ताकि वह आपसे अपनी बातें शेयर कर पाएं। डर या परेशानी शेयर करने का मौका दें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और रिश्ता मजबूत होता है।

अच्छे संस्कार और नैतिक मूल्य

बचपन में सिखाए गए संस्कार ही बच्चों का भविष्य तय करते हैं। सच बोलना, बड़ों का सम्मान करना जरूर सिखाएं। इसके अलावा दूसरों की मदद बच्चों को  करना आना चाहिए। धन्यवाद और माफी कहना सिखाएं।

खुद बनें बच्चों के रोल मॉडल

बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं। खुद भी अच्छी आदतें अपनाएं। अपनी  सोच को सकारात्मक रखें। बच्चों को प्यार और धैर्य के साथ गाइड करें। 

यह जरूर पढ़ें: सत्संग सुनता हूं इस इच्छा से कि चक्रवर्ती राजा की तरह मेरा जीवन हो और हजारों रानियां, संभव है? Premanand Maharaj ने क्या दिया जवाब
 

Published By : Samridhi Breja

पब्लिश्ड 26 December 2025 at 20:03 IST