अपडेटेड 2 April 2025 at 16:00 IST

हथेली और तलवों में पसीना क्यों आता है?

Hyperhidrosis Cause and Treatment in Hindi: मेरी हथेली और पैरों में इतना पसीना क्यों आता है? हथेली में पसीना आने के क्या कारण हैं? जानें...

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हथेली और तलवों में पसीना क्यों आता है? | Image: Meta AI

Hyperhidrosis Cause and Treatment in Hindi: बता दें कि कुछ लोगों के हाथ और पैरों में पसीने आने की समस्या हो जाती है। बता दें कि पैरों के तलवे में अधिक पसीने के कारण उन्हें चलने में भी दिक्कत महसूस होती है। ऐसे में इसके पीछे कुछ कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। गर्मियों में यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति को इसके बारे में पता होना जरूरी है। 

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने से लेख के माध्यम से बताएंगे कि व्यक्ति को गर्मियों में हाथ और पैरों के तलवों में पसीना क्यों आता है। पढ़ते हैं आगे...  

हथेली और पैरों में इतना पसीना क्यों आता है? 

अक्सर आपने देखा होगा कि व्यक्ति को हाथ और पैरों में पसीना आता है। इसके पीछे पामोप्लांटर हाइपरहाइड्रोसिस जिम्मेदार हो सकता है। जब यह समस्या होती है तो इसके कारण हथेलियां और पैरों के तलवों में ज्यादा पसीना आता है। यह एक हेल्थ से जुड़ी समस्या है। ऐसा तब होता है जब एक्राइन स्वेटिंग ग्लैंड्स ओवर एक्टिव हो जाते हैं। इस कारण हथेली और पैरों के तलवों में ज्यादा पसीना आता है। ऐसे में जब भी आपको यह लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है। 

कारण 

  1. बता दें कि गर्मी या एक्सरसाइज के कारण भी ये समस्या हो सकती है। इसका असर आपकी जिंदगी पर पड़ता है। यह समस्या जेनेटिक भी हो सकती है। कभी-कभी जब फैमिली में ये समस्या होती है तब भी व्यक्ति को इसका सामना करना पड़ता है। 
  2. इसके अलावा स्ट्रैस और चिंता के कारण भी व्यक्ति को हाथ और पैरों के तलवों में पसीने आने की समस्या हो जाती है।  
  3. इसके अलावा स्ट्रैस और चिंता के कारण भी व्यक्ति को हाथ और पैरों के तलवों में पसीने आने की समस्या हो जाती है। बता दें कि जब किसी महिलाका मेनोपॉज का दौर चलता है या मेटाबॉलिज्म डिसीज हो जाती है तब भी यह समस्या हो सकती है। 

उपाय 

जब किसी व्यक्ति को ये समस्या होती है तो इसे कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है। हालांकि इसका कोई सही इलाज मौजूद नहीं है। ऐसे में कुछ थेरेपी इस समस्या को दूर कर सकती हैं। इसके अलावा कुछ इंजेक्शंस के माध्यम से भी समस्या को दूर किया जा सकता है। हालांकि जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करके भी इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। 

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं।  REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 2 April 2025 at 16:00 IST